राजस्थान सरकार की प्रथम वर्षगांठ पर किसानों के लिए विशेष योजनाएं

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राजस्थान सरकार की प्रथम वर्षगांठ के मौके पर, शासन सचिव कृषि एवं उद्यानिकी, श्री राजन विशाल ने हाल ही में एक बैठक में कुछ नई योजनाओं के बारे में जानकारी दी। इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य किसानों को त्वरित लाभ पहुंचाना और कृषि क्षेत्र को और भी मजबूत बनाना है। राज्य सरकार ने किसानों के लिए कई योजनाएं तैयार की हैं, जिनसे उनकी खेती में मदद मिलेगी और उनके जीवन स्तर में सुधार होगा।

एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर मिशनजल प्रबंधन और फसल सुरक्षा हेतु मदद5,500 फार्मपौण्ड, 3,000 पाइपलाइन, 5,000 तारबंदी (डीबीटी के माध्यम से)
नहरी क्षेत्र में प्रोत्साहनसिंचाई और अधिक फसल उत्पादन हेतु मदद500 डिग्गियाँ, 1,000 कृषि उपकरण, 2,000 वर्मीकम्पोस्ट इकाइयां
गोवर्धन जैविक उर्वरक योजनाजैविक खाद के उत्पादन को बढ़ावा देना3,000 किसानों को गौवंश से जैविक खाद
कस्टम हायरिंग केंद्रकृषि उपकरण किराए पर उपलब्ध कराने के लिए100 कस्टम हायरिंग केंद्रों की स्थापना
कृषक छात्राओं के लिए प्रोत्साहनकृषि शिक्षा में अध्ययन कर रही छात्राओं को प्रोत्साहन राशि10,000 छात्राओं को डीबीटी के माध्यम से राशि
नमो ड्रोन दीदी योजनाड्रोन तकनीक का इस्तेमाल करके कृषि कार्यों में सुधार50 क्लस्टरों का विकास, ड्रोन का उपयोग

किसानों के लिए योजनाएं और उनका लाभ

एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन

राज्य सरकार किसानों को बेहतर जल प्रबंधन और उनकी फसल की सुरक्षा के लिए मदद देने वाली है। इस योजना के तहत सरकार ने कई बड़े कदम उठाए हैं, जिनसे किसानों को सीधा फायदा होगा।

  • 5,500 फार्मपौण्ड: इस योजना के तहत 5,500 किसानों को फार्मपौण्ड (जल संरक्षण के लिए तालाब) बनाने के लिए मदद दी जाएगी। इससे किसानों को अपनी फसलों को पानी देने में आसानी होगी।
  • 3,000 किसानों को पाइपलाइन: सरकार ने सिंचाई के लिए 3,000 किसानों को पाइपलाइन देने का फैसला किया है। इससे किसानों को सिंचाई में कोई परेशानी नहीं होगी और वे अपनी फसलों को आसानी से पानी दे सकेंगे।
  • 5,000 किसानों को तारबंदी: खेतों की सुरक्षा के लिए 5,000 किसानों को तारबंदी के लिए सहायता राशि डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से दी जाएगी। इस योजना से किसानों को अपने खेतों की सुरक्षा करने में मदद मिलेगी।

नहरी क्षेत्र में प्रोत्साहन

राज्य सरकार ने नहरी क्षेत्रों में भी कई योजनाएं शुरू की हैं। इन योजनाओं से किसानों को बेहतर सिंचाई और अधिक फसल उत्पादन में मदद मिलेगी।

  • 500 डिग्गियों की स्थापना: जल संग्रहण के लिए 500 डिग्गियां बनाई जाएंगी, जिनसे किसानों को सूखा पड़ने की स्थिति में पानी की कोई कमी नहीं होगी।
  • 1,000 किसानों को कृषि उपकरण: सरकार 1,000 किसानों को कृषि उपकरण उपलब्ध कराएगी। इससे किसानों को अपनी खेती में अधिक उत्पादन प्राप्त करने में मदद मिलेगी। ये उपकरण किसानों को सस्ते किराए पर दिए जाएंगे।
कृषि यंत्र अनुदान योजना
कृषि यंत्र अनुदान योजना
  • 2,000 वर्मीकम्पोस्ट इकाइयां: इस योजना के तहत 2,000 किसानों को वर्मीकम्पोस्ट (जैविक खाद) बनाने के लिए इकाइयां दी जाएंगी। इससे किसानों को अपनी फसलों में जैविक उर्वरक इस्तेमाल करने में मदद मिलेगी, जिससे फसल की गुणवत्ता बेहतर होगी और पर्यावरण को भी नुकसान नहीं होगा।
Vermi Compost Ikai Anudan Yojana
Vermi Compost Ikai Anudan Yojana

गोवर्धन जैविक उर्वरक योजना

इस योजना का उद्देश्य जैविक उर्वरक के उत्पादन को बढ़ावा देना है।

  • 3,000 किसानों को गौवंश से जैविक खाद: इस योजना के तहत 3,000 किसानों को गौवंश से जैविक खाद बनाने के लिए मदद दी जाएगी। इससे किसान अपनी फसलों को प्राकृतिक तरीके से उगाने में सक्षम होंगे, जिससे उनकी फसल की गुणवत्ता बढ़ेगी और वे ज्यादा मुनाफा कमा सकेंगे।

कस्टम हायरिंग केंद्र

  • 100 कस्टम हायरिंग केंद्रों की स्थापना: सरकार 100 कस्टम हायरिंग केंद्रों की स्थापना करेगी, जिनसे किसान आधुनिक कृषि उपकरण किराए पर ले सकेंगे। इन केंद्रों पर किसान कम कीमत पर उपकरण लेकर अपनी खेती में इस्तेमाल कर सकेंगे। इससे किसानों की लागत कम होगी और उत्पादन बढ़ेगा।

कृषक छात्राओं के लिए प्रोत्साहन

  • 10,000 छात्राओं को प्रोत्साहन राशि: कृषि विषय में अध्ययनरत 10,000 छात्राओं को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी, ताकि वे अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें और कृषि क्षेत्र में अपनी भूमिका निभा सकें। यह राशि डीबीटी के माध्यम से सीधे उनके खातों में पहुंचाई जाएगी।

नमो ड्रोन दीदी योजना

आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल से कृषि कार्यों में सुधार हो सकता है।

  • 50 क्लस्टरों का विकास: इस योजना के तहत 50 क्लस्टरों का विकास किया जाएगा, जिनमें ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। ड्रोन से खेती की निगरानी करना, कीटनाशकों का छिड़काव करना और फसलों की जाँच करना आसान हो जाएगा। इससे किसानों का समय और मेहनत बचने के साथ-साथ उनका उत्पादन भी बढ़ेगा।

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