हरियाणा सरकार ने किसानों के चेहरे पर मुस्कान लाने वाला बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने ऐलान किया है कि अब राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए भूमिहीन किसानों को ज़मीन भी मिलेगी और खेती के लिए आर्थिक मदद भी।
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पर्यावरण दिवस पर बड़ी सौगात
विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में सीएम सैनी ने बताया कि सरकार अब रासायनिक खेती से हटकर प्राकृतिक खेती को आगे बढ़ाना चाहती है। इसके लिए न सिर्फ योजनाएं तैयार की गई हैं, बल्कि उन्हें लागू करने की भी तैयारी हो चुकी है।
बिना ज़मीन वाले किसानों को मिलेगी खेती के लिए ज़मीन
हरियाणा की हर पंचायत में मौजूद सरकारी ज़मीन में से 10% हिस्सा या कम से कम 1 एकड़ ज़मीन प्राकृतिक खेती के लिए अलग किया जाएगा। इस ज़मीन को सिर्फ भूमिहीन किसानों को ही नीलामी के जरिए दिया जाएगा, ताकि वे भी खेती करके अपनी ज़िंदगी सुधार सकें।
खेती के लिए सीधे खाते में मिलेगा पैसा
जो किसान प्राकृतिक खेती करेंगे, उन्हें सरकार ₹20,000 तक की सहायता देगी। यह पैसा उनके उत्पादों की ब्रांडिंग, पैकिंग और मार्केटिंग में मदद करेगा। इतना ही नहीं, देसी गाय खरीदने पर ₹30,000 की सब्सिडी और 4 ड्रम खरीदने के लिए ₹3,000 की मदद भी दी जाएगी।
कैथल में खेती के लिए अलग भूमि
कैथल के पूंडरी ब्लॉक में कृषि विभाग की 53 एकड़ ज़मीन अब उन किसानों को दी जाएगी जो प्राकृतिक खेती करना चाहते हैं। यह ज़मीन भी नीलामी के ज़रिए ही दी जाएगी।
प्राकृतिक खेती क्या है और क्यों जरूरी है?
प्राकृतिक खेती यानी बिना रसायन, कीटनाशक और दवाओं के खेती करना। इसमें गोबर, गोमूत्र, और जैविक खाद का इस्तेमाल होता है। इससे जमीन की सेहत सुधरती है और खाने में ज़हर नहीं होता। इस तरह की खेती से न सिर्फ किसान की सेहत सुधरती है, बल्कि उपभोक्ताओं को भी सुरक्षित और पौष्टिक भोजन मिलता है।