राजस्थान सरकार हमेशा से किसानों की भलाई के लिए नई-नई योजनाएं शुरू करती रही है। पीएम किसान सम्मान निधि योजना और पीएम फसल बीमा योजना जैसी कई योजनाओं का लाभ राज्य के किसानों को मिल रहा है। इन्हीं योजनाओं की तरह एक और अहम योजना है — मुख्यमंत्री कृषक साथी सहायता योजना राजस्थान , जो किसानों और खेतिहर मजदूरों के लिए संकट के समय बहुत काम की साबित होती है। खेतों में काम करते समय या मंडी में फसल बेचते समय यदि किसान किसी दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं, तो इस मुख्यमंत्री कृषक साथी सहायता योजना राजस्थान के तहत सरकार की ओर से आर्थिक सहायता दी जाती है।
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मुख्यमंत्री कृषक साथी सहायता योजना 2025
राजस्थान में किसानों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री कृषक साथी सहायता योजना की शुरुआत की गई थी। पहले इस योजना को राजीव गांधी कृषक सहायता योजना के नाम से भी जाना जाता था। इस योजना के तहत यदि कोई किसान या कृषि श्रमिक खेत में काम करते हुए किसी दुर्घटना का शिकार हो जाता है, तो राज्य सरकार उसकी या उसके परिवार की आर्थिक सहायता करती है। अगर दुर्घटना के कारण मृत्यु हो जाती है, तो परिजनों को 2 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाती है।
| योजना का नाम | मुख्यमंत्री कृषक साथी सहायता योजना राजस्थान |
| लाभार्थी | किसान, खेतीहर मजदूर, मंडी श्रमिक |
| योजना का उद्देश्य | कृषि कार्य के दौरान दुर्घटना की स्थिति में आर्थिक सहायता प्रदान करना |
| सहायता राशि (मृत्यु पर) | ₹2,00,000 |
| सहायता राशि (विकलांगता पर) | ₹5,000 से ₹50,000 तक |
| आवेदन का माध्यम | ऑनलाइन (SSO पोर्टल – https://sso.rajasthan.gov.in) |
| पात्रता | राजस्थान का निवासी, किसान या कृषि कार्य से जुड़ा व्यक्ति |
| आवेदन की समय सीमा | दुर्घटना के 6 महीनों के भीतर आवेदन करना आवश्यक |
मुख्यमंत्री कृषक साथी सहायता योजना राजस्थान का उद्देश्य
मुख्यमंत्री कृषक साथी सहायता योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों, खेत मजदूरों, मंडी श्रमिकों और कृषि कार्य से जुड़े अन्य लोगों को आकस्मिक दुर्घटना की स्थिति में आर्थिक सहायता प्रदान करना है। इस योजना के माध्यम से राज्य सरकार किसानों को एक सुरक्षा कवच देती है, ताकि किसी अप्रत्याशित स्थिति में उनके परिवार को आर्थिक तंगी का सामना न करना पड़े।
मुख्यमंत्री कृषक साथी सहायता योजना राजस्थान के तहत मिलने वाली सहायता
राजस्थान सरकार इस योजना के तहत दुर्घटना के प्रकार और उसकी गंभीरता के अनुसार सहायता राशि प्रदान करती है। मृत्यु की स्थिति में परिजनों को दो लाख रुपये तक की सहायता दी जाती है। वहीं, यदि किसी व्यक्ति के दोनों हाथ, पैर या आंखें प्रभावित हो जाती हैं तो पचास हजार रुपये की सहायता दी जाती है। एक अंग कटने, सिर या रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट लगने की स्थिति में भी पचास हजार रुपये तक की राशि का प्रावधान है।
यदि बालों की डी-स्केल्पिंग हो जाती है तो चालीस हजार रुपये और आंशिक डी-स्केल्पिंग की स्थिति में पच्चीस हजार रुपये की सहायता मिलती है। एक हाथ, पैर, आंख या पंजे के नुकसान पर पच्चीस हजार रुपये की राशि दी जाती है। अंगुलियों के कटने की स्थिति में दस हजार से बीस हजार रुपये तक की सहायता का प्रावधान है। इसके अलावा मंडी प्रांगण में कार्यरत श्रमिकों को कार्य के दौरान फ्रैक्चर होने पर दस हजार रुपये की सहायता दी जाती है।
| दुर्घटना की स्थिति | सहायता राशि (₹) |
|---|---|
| मृत्यु होने पर आश्रित को | 2,00,000 |
| दोनों हाथ, पैर या आंखें प्रभावित | 50,000 |
| एक अंग कटने या क्षतिग्रस्त होने पर | 50,000 |
| सिर या रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट | 50,000 |
| बालों की डी-स्केल्पिंग | 40,000 |
| आंशिक डी-स्केल्पिंग | 25,000 |
| एक हाथ, पैर, आंख आदि का नुकसान | 25,000 |
| चार अंगुलियां कटने पर | 20,000 |
| तीन अंगुलियां कटने पर | 15,000 |
| दो अंगुलियां कटने पर | 10,000 |
| एक अंगुली कटने पर | 5,000 |
| मंडी में कार्य करते समय फ्रैक्चर | 10,000 |
| एक अंडकोष क्षतिग्रस्त | 25,000 |
| दोनों अंडकोष क्षतिग्रस्त | 40,000 |
मुख्यमंत्री कृषक साथी सहायता योजना की पात्रता
इस योजना का लाभ केवल राजस्थान के किसानों, खेतीहर मजदूरों और कृषि मंडी समिति से लाइसेंस प्राप्त श्रमिकों को ही दिया जाता है। लाभार्थी का राजस्थान का स्थायी निवासी होना जरूरी है और वह कृषि या कृषि से संबंधित कार्य में संलग्न होना चाहिए।
आवेदन प्रक्रिया
मुख्यमंत्री कृषक साथी सहायता योजना राजस्थान का आवेदन पूरी तरह ऑनलाइन माध्यम से किया जा सकता है। इसके लिए सबसे पहले आवेदक को राजस्थान सरकार के SSO पोर्टल पर लॉगिन करना होता है। लॉगिन करने के लिए जन आधार नंबर या गूगल अकाउंट का उपयोग किया जा सकता है। लॉगिन प्रक्रिया पूरी करने के बाद डैशबोर्ड पर “Raj-Kisan” टैब में जाकर “Application Entry Request” पर क्लिक करना होता है।
इसके बाद आवेदक को अपनी जन आधार आईडी या भामाशाह आईडी दर्ज करनी होती है और योजना का चयन करना होता है। आधार वेरिफिकेशन पूरा करने के बाद आवेदन फॉर्म में मांगी गई जानकारी जैसे बैंक खाता विवरण, दुर्घटना की जानकारी और दिव्यांगता की जानकारी भरनी होती है। आवश्यक दस्तावेज अपलोड करके आवेदन सबमिट किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री कृषक साथी सहायता योजना राजस्थान के आवश्यक दस्तावेज
आवेदन के लिए कुछ प्रमाण पत्रों का होना अनिवार्य है। इसमें चिकित्सा अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र, एफआईआर की प्रति, मृत्यु प्रमाण पत्र और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट शामिल हैं। यदि दुर्घटना जहरीले जानवर या ऊंट के काटने से हुई है, तो सरकारी डॉक्टर द्वारा जारी प्रमाण पत्र आवश्यक होता है। इसके अलावा सरकारी डॉक्टर के हस्ताक्षर वाला पंचनामा भी आवेदन के साथ लगाना होता है।
किन परिस्थितियों में सहायता नहीं मिलेगी
राजस्थान सरकार ने कुछ ऐसी परिस्थितियां तय की हैं जिनमें योजना के तहत सहायता राशि नहीं दी जाएगी। यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु बीमारी के कारण होती है या आत्महत्या करता है तो योजना का लाभ नहीं मिलेगा। इसी तरह नशीले पदार्थों के सेवन, इलाज या सर्जरी के दौरान हुई मृत्यु पर भी सहायता नहीं दी जाएगी। गर्भधारण या प्रसव के दौरान हुई मृत्यु पर भी यह योजना लागू नहीं होती।
यदि दुर्घटना और मृत्यु के बीच नब्बे दिनों से अधिक का अंतर है तो योजना का लाभ नहीं दिया जाता, हालांकि यदि व्यक्ति का लगातार इलाज चल रहा हो और उसी दौरान मृत्यु हो जाए तो सहायता राशि प्रदान की जाती है। इसके अलावा युद्ध, गृह युद्ध, देशद्रोह या आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने से हुई मृत्यु पर भी लाभ नहीं मिलता।
मुख्यमंत्री कृषक साथी सहायता योजना राजस्थान
मुख्यमंत्री कृषक साथी सहायता योजना क्या है?
मुख्यमंत्री कृषक साथी सहायता योजना राजस्थान सरकार की एक सामाजिक सुरक्षा योजना है, जिसके तहत कृषि कार्य के दौरान दुर्घटना या मृत्यु होने पर किसान या श्रमिक को आर्थिक सहायता दी जाती है। योजना का उद्देश्य किसानों और उनके परिवारों को संकट के समय आर्थिक सहारा प्रदान करना है।
इस योजना के तहत कितनी राशि दी जाती है?
यदि किसान या कृषि श्रमिक की दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिजनों को ₹2 लाख तक की सहायता दी जाती है। वहीं, विकलांगता या गंभीर चोट की स्थिति में ₹5,000 से ₹50,000 तक की राशि का प्रावधान है।
मुख्यमंत्री कृषक साथी सहायता योजना का लाभ कौन ले सकता है?
राजस्थान का कोई भी किसान, खेतिहर मजदूर या मंडी में कार्यरत लाइसेंस प्राप्त श्रमिक इस योजना का लाभ उठा सकता है। लाभार्थी का राजस्थान का निवासी होना आवश्यक है और वह कृषि कार्य से जुड़ा होना चाहिए।
योजना के लिए आवेदन कैसे किया जाता है?
योजना के लिए आवेदन ऑनलाइन माध्यम से किया जाता है। आवेदक को राजस्थान सरकार के SSO पोर्टल पर लॉगिन करके “Raj Kisan” टैब में जाकर आवेदन फॉर्म भरना होता है। आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने के बाद फॉर्म सबमिट किया जा सकता है।
