राजस्थान के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण सूचना सामने आई है। राजफेड (RAJFED) द्वारा 18 अक्टूबर 2025 से मुंगफली और मूंग के टोकन काटने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। यह कदम किसानों को अपनी फसल की तुलाई सुगमता से करवाने में मदद करेगा। राज्य सरकार और राजफेड का उद्देश्य है कि किसानों को उनकी उपज बेचने में किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
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राजस्थान राज्य सहकारी विपणन संघ यानी राजफेड (RAJFED) राज्य के किसानों की उपज की खरीद, भंडारण और विपणन का कार्य संभालता है। हर वर्ष मूंगफली, मूंग और अन्य फसलों की एमएसपी (MSP) पर खरीद राजफेड के माध्यम से की जाती है।
राजफेड की यह पहल किसानों को संगठित और व्यवस्थित तरीके से अपनी उपज बेचने का अवसर देती है, जिससे उन्हें उचित मूल्य मिल सके और सरकारी सहायता योजनाओं का पूरा लाभ प्राप्त हो सके।
मुंगफली व मूंग के टोकन काटने की संभावित तिथि
राजफेड ने घोषणा की है कि 18 अक्टूबर 2025 से मूंग और मूंगफली की तुलाई के लिए टोकन जारी करने की प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी। यह टोकन उन किसानों के लिए आवश्यक हैं जो अपनी फसल की तुलाई राजफेड केंद्रों पर करवाना चाहते हैं। टोकन के बिना किसान अपनी उपज की बिक्री प्रक्रिया में भाग नहीं ले पाएंगे, इसलिए सभी किसान समय पर टोकन कटवाना सुनिश्चित करें।
टोकन काटने की तिथि | 18 अक्टूबर 2025 से |
संबंधित संस्था | राजफेड (RAJFED) |
फसलें | मूंगफली और मूंग |
आवश्यक दस्तावेज़ | आधार कार्ड, गिरदावरी, भूमि रिकॉर्ड |
जिम्मेदार संस्था | ई-मित्र केंद्र |
कार्रवाई | गलत टोकन जारी करने पर कार्यवाही प्रस्तावित |
मुंगफली व मूंग टोकन के लिए दस्तावेज जांच की होगी
सभी ई-मित्र संचालकों को निर्देश दिए गए हैं कि टोकन जारी करने से पहले किसानों के दस्तावेजों और गिरदावरी की पूरी तरह से जांच करें। इससे यह सुनिश्चित होगा कि केवल पात्र किसानों को ही टोकन मिले और कोई भी फर्जीवाड़ा न हो। ई-मित्र संचालकों को बिना दस्तावेज जांच के टोकन जारी नहीं करने चाहिए।
राजफेड का कहना है कि दस्तावेजों की जांच पूरी सावधानी से की जानी चाहिए ताकि फसल खरीद प्रक्रिया पारदर्शी रहे। गलत या अधूरी जानकारी के आधार पर टोकन जारी करने वाले संचालकों के विरुद्ध नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।
ई-मित्र संचालकों के लिए विशेष निर्देश
राजफेड ने यह भी स्पष्ट किया है कि ई-मित्र संचालक एक ही दिन में अत्यधिक संख्या में टोकन जारी न करें। इससे किसानों को अनावश्यक भीड़ और परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। टोकन प्रणाली का उद्देश्य किसानों को सुव्यवस्थित और समयबद्ध तरीके से सुविधा देना है, इसलिए प्रत्येक केंद्र पर टोकन निर्गमन सीमित और व्यवस्थित तरीके से होना चाहिए।
बिना जांच या गलत तरीके से जारी किए गए टोकन न केवल किसानों के लिए दिक्कतें बढ़ा सकते हैं, बल्कि संबंधित ई-मित्र संचालकों पर भी प्रशासनिक कार्रवाई का कारण बन सकते हैं।
किसानों के लिए जरूरी सुझाव
राजफेड ने किसानों से अपील की है कि वे टोकन कटवाने से पहले अपने सभी जरूरी दस्तावेजों को तैयार रखें। इसमें आधार कार्ड, गिरदावरी की प्रति, भूमि रिकॉर्ड और बैंक खाते की जानकारी शामिल है।
किसानों को सलाह दी गई है कि वे ई-मित्र केंद्र पर समय से पहुंचें, अपनी जानकारी ध्यानपूर्वक भरें और टोकन प्राप्त करने के बाद उसकी पावती अवश्य लें। इससे भविष्य में किसी भी प्रकार की समस्या या विवाद की संभावना समाप्त हो जाएगी।
टोकन प्रणाली का उद्देश्य
राजफेड द्वारा लागू की जा रही यह टोकन प्रणाली किसानों के लिए सुविधा और पारदर्शिता दोनों सुनिश्चित करती है। पहले जहां मंडियों में भीड़ और अव्यवस्था की स्थिति रहती थी, वहीं अब टोकन प्रणाली से हर किसान को तुलाई के लिए निश्चित समय मिलेगा। इससे तुलाई में देरी नहीं होगी और मंडी में अनुशासन बना रहेगा।
इस व्यवस्था का एक अन्य उद्देश्य किसानों की उपज की खरीद प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और भ्रष्टाचार-मुक्त बनाना है। इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि केवल असली और पात्र किसान ही सरकारी खरीद योजना का लाभ उठा सकें।