नवरात्रा के शुभ अवसर पर केंद्र सरकार ने देश की महिलाओं को एक बड़ा तोहफा दिया है। प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के अंतर्गत वित्त वर्ष 2025-26 में 25 लाख नई महिलाओं को फ्री में गैस कनेक्शन दिए जाने की घोषणा की गई है। इस योजना का उद्देश्य उन परिवारों तक स्वच्छ रसोई ईंधन पहुंचाना है जिनके पास अब तक एलपीजी गैस कनेक्शन नहीं है।
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प्रधानमंत्री उज्जवला योजना की शुरुआत से अब तक देशभर में 10.33 करोड़ से अधिक महिलाओं को फ्री में गैस कनेक्शन दिए जा चुके हैं।
प्रधानमंत्री उज्जवला योजना क्या है?
प्रधानमंत्री उज्जवला योजना केंद्र सरकार की प्रमुख सामाजिक कल्याण योजनाओं में से एक है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण और शहरी गरीब परिवारों को स्वच्छ रसोई गैस उपलब्ध कराना है। यह योजना पूरे भारत में लागू है और इसका लाभ देश के सभी राज्यों, जिलों, गांवों और शहरों में रहने वाली पात्र महिलाओं को दिया जा रहा है।
सरकार के अनुसार जिन परिवारों के पास अभी तक एलपीजी कनेक्शन नहीं है, और जो गरीबी रेखा से नीचे (BPL) हैं या अंत्योदय योजना के अंतर्गत आते हैं, वे इस योजना के पात्र हैं।
फ्री गैस कनेक्शन में क्या-क्या मिलता है
प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत पात्र महिला को फ्री में पूरा एलपीजी गैस कनेक्शन दिया जाता है। इसमें 14.2 किलोग्राम का भरा हुआ सिलेंडर, गैस चूल्हा, गैस पाइप, रेगुलेटर, और कनेक्शन डायरी शामिल होती है। यह संपूर्ण किट महिला के नाम पर जारी किया जाता है और उसका बैंक खाता सीधे डीबीटी से जुड़ा होता है ताकि भविष्य में सब्सिडी का लाभ मिल सके।
आवश्यक दस्तावेज
प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के लिए आवेदन करने हेतु महिला के नाम से बैंक खाता होना जरूरी है। साथ ही उसके पास राशन कार्ड, आधार कार्ड, और पासपोर्ट साइज कलर फोटो भी होनी चाहिए।
महिला के आधार कार्ड में मोबाइल नंबर लिंक होना चाहिए ताकि सत्यापन आसानी से किया जा सके। परिवार के राशन कार्ड में दर्ज किसी भी सदस्य के नाम से पहले से कोई गैस कनेक्शन नहीं होना चाहिए, तभी आवेदन स्वीकार किया जाएगा। इसके अतिरिक्त राशन कार्ड से जुड़े सभी सदस्यों के आधार कार्ड की फोटोकॉपी भी जरूरी है।
आवेदन की प्रक्रिया
प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के लिए आवेदन दो तरीकों से किया जा सकता है — ऑनलाइन और ऑफलाइन।
ऑनलाइन आवेदन करने के लिए आवेदक महिला को अपने मोबाइल या कंप्यूटर से संबंधित गैस कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट — जैसे भारत गैस, इंडियन ऑयल या एचपी गैस — पर जाना होगा। वहां “प्रधानमंत्री उज्जवला योजना 2.0 न्यू कनेक्शन” का विकल्प चुनना होगा।
इसके बाद राज्य, जिला और नजदीकी गैस एजेंसी का चयन कर फॉर्म भरना होता है। आवेदन के दौरान महिला की व्यक्तिगत जानकारी, आधार नंबर, राशन कार्ड नंबर, बैंक खाता विवरण और पूरा पता भरना होता है। मोबाइल नंबर पर भेजे गए ओटीपी से सत्यापन किया जाता है और फॉर्म सबमिट कर दिया जाता है।
फॉर्म सबमिट करने के बाद आवेदक को एक एप्लीकेशन आईडी मिलती है, जिसे लेकर उसे संबंधित गैस एजेंसी पर जाकर सभी आवश्यक दस्तावेजों की फोटो कॉपी जमा करवानी होती है। दस्तावेजों के सत्यापन के बाद गैस एजेंसी आवेदक को फ्री में गैस कनेक्शन उपलब्ध कराती है।
ऑफलाइन आवेदन करने वाले आवेदक अपने नजदीकी गैस एजेंसी कार्यालय जाकर फॉर्म भर सकते हैं। वहां दस्तावेज जमा कर ईकेवाईसी पूरी कराई जाती है। आवेदन स्वीकृत होने के बाद सामान्यतः एक महीने के भीतर गैस कनेक्शन जारी कर दिया जाता है।
बैंक खाता और डीबीटी लिंक अनिवार्य
उज्जवला योजना के तहत दी जाने वाली सहायता राशि और सब्सिडी सीधे महिला के बैंक खाते में भेजी जाती है। इसलिए बैंक खाता डीबीटी (Direct Benefit Transfer) से जुड़ा होना आवश्यक है। अगर खाता लिंक नहीं है, तो लाभार्थी पोस्ट ऑफिस में नया खाता खुलवाकर उसे डीबीटी से लिंक करा सकती हैं।
प्रधानमंत्री उज्जवला योजना 2.0 महिलाओं के जीवन में स्वच्छता, स्वास्थ्य और आत्मनिर्भरता लाने का एक सशक्त माध्यम है। गांवों में धुएं वाली रसोई से मुक्ति और महिलाओं की सुरक्षा इस योजना की बड़ी उपलब्धि है।
अब नवरात्रा पर 25 लाख नए गैस कनेक्शन जारी करने की घोषणा इस योजना के विस्तार की दिशा में एक और कदम है। इससे न केवल महिलाओं को रसोई में स्वच्छ ईंधन मिलेगा बल्कि उन्हें स्वास्थ्य लाभ और समय की बचत भी होगी।
