सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए कई योजनाएं चला रही है। खेती के साथ-साथ मछली पालन (Fisheries) एक अच्छा विकल्प बन सकता है। सरकार इस दिशा में किसानों को प्रोत्साहित कर रही है। खास बात यह है कि मछली पालन के लिए सरकार 70 प्रतिशत तक सब्सिडी दे रही है। किसानों को तालाब निर्माण, बोरिंग पंप सेट की स्थापना और शेड निर्माण के लिए आर्थिक सहायता मिल रही है। इस योजना का लाभ उठाकर किसान कम लागत में अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं।
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मछली पालन योजना बिहार क्या है ?
मछली पालन की शुरुआत छोटे तालाब से करनी चाहिए। किसान अपने खेत में एक छोटा तालाब बनवाकर इस व्यवसाय की शुरुआत कर सकते हैं। तालाब निर्माण पर लगभग ₹50,000 का खर्च आता है, लेकिन इस पर भी सरकार की ओर से सब्सिडी मिलती है। अगर किसान शुरुआत में इस व्यवसाय में ₹1 लाख निवेश करते हैं, तो वे इससे ₹4 से ₹5 लाख तक की कमाई कर सकते हैं। मछली की मांग हर मौसम में बनी रहती है, जिससे किसानों को लगातार आय मिल सकती है।
योजना का नाम | तालाब मात्स्यिकी विशेष सहायता योजना |
लाभार्थी | अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अति पिछड़ा वर्ग के किसान (बिहार राज्य) |
सब्सिडी राशि | 70% तक (₹7 लाख से अधिक) |
कुल लागत | ₹10.10 लाख |
किसान का योगदान | 30% (बैंक लोन से भी संभव) |
अनुदान के लिए पात्रता | 0.4 से 1 एकड़ तक के जल क्षेत्र में तालाब होना आवश्यक |
मछली पालन से संभावित आय | ₹1 लाख निवेश पर ₹4-5 लाख तक की कमाई |
आवेदन की अंतिम तिथि | 30 अगस्त 2023 |
आवेदन प्रक्रिया | ऑनलाइन आवेदन मत्स्य निदेशालय, बिहार पर |
तालाब का एक और बड़ा फायदा यह है कि इसका पानी सिंचाई के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे किसानों को दोहरा लाभ मिलेगा – एक तरफ खेती होगी और दूसरी ओर मछली पालन से अतिरिक्त आय होगी।
मछली पालन पर सब्सिडी और पात्रता
सरकार की तालाब मात्स्यिकी विशेष सहायता योजना के तहत किसानों को मछली पालन के लिए 70 प्रतिशत तक की सब्सिडी मिलती है। इस योजना के तहत कुल लागत ₹10.10 लाख तय की गई है, जिसमें सरकार ₹7 लाख से अधिक की सहायता देगी। किसान केवल 30 प्रतिशत राशि खुद लगाएंगे, जिसे वे बैंक लोन के जरिए भी प्राप्त कर सकते हैं।
इस योजना का लाभ बिहार के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अति पिछड़ा वर्ग के किसानों को मिलेगा। किसान 0.4 से 1 एकड़ तक के जल क्षेत्र में तालाब बनाकर इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
मछली पालन पर सब्सिडी के लिए आवश्यक दस्तावेज़
मछली पालन सब्सिडी योजना का लाभ लेने के लिए कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज़ अनिवार्य हैं। बिना इन दस्तावेज़ों के आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा। आवेदन करने से पहले सुनिश्चित करें कि सभी आवश्यक प्रमाण पत्र और दस्तावेज़ तैयार हों।
- पूर्ण रूप से भरा हुआ आवेदन पत्र
- प्रस्तावित भूमि का फोटोग्राफ
- बैंक विवरण (शाखा का नाम, खाता संख्या, आईएफएससी कोड)
- प्रशिक्षण प्रमाण पत्र की सत्यापित प्रतियां
- पहचान प्रमाण पत्र (आधार कार्ड, राशन कार्ड, वोटर आईडी)
- भूमि मानचित्र
- जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
- भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र/राजस्व रसीद (निजी भूमि के लिए)
- पंजीकृत पट्टा समझौता/गैर-न्यायिक स्टाम्प समझौता (पट्टा भूमि के लिए)
- नोटरीकृत शपथ पत्र, जिसमें पुष्टि की गई हो कि भूमि विवाद-मुक्त है
मछली पालन योजना बिहार के जरूरी दस्तावेज
जो किसान इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं, वे 30 अगस्त 2023 तक आवेदन कर सकते हैं। आवेदन ऑनलाइन मत्स्य निदेशालय, बिहार की वेबसाइट पर किया जा सकता है। अधिक जानकारी के लिए किसान टोल फ्री नंबर 1800-245-6185 पर संपर्क कर सकते हैं।
तालाब मत्स्यिकी विशेष सहायता योजना (FAQs)
1. इस योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस योजना का उद्देश्य अनुसूचित जाति (SC), जनजाति (ST) और अत्यंत पिछड़ा वर्ग (OBC) के मछली पालकों को तालाब निर्माण, आवश्यक उपकरणों की स्थापना और मत्स्य पालन से जुड़ी गतिविधियों के लिए वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करना है।
2. योजना के तहत कितनी सब्सिडी दी जाती है?
इस योजना में कुल लागत का 70% सब्सिडी प्रदान की जाती है। सब्सिडी का भुगतान दो चरणों में किया जाता है – 60% राशि तालाब निर्माण पूरा होने के बाद और 40% राशि संबंधित इकाइयों की स्थापना और इनपुट खरीद के बाद।
3. इस योजना के लिए कौन पात्र है?
योजना के लिए पात्रता में शामिल है कि आवेदक SC/ST/OBC वर्ग से संबंधित होना चाहिए, उसके पास तालाब निर्माण के लिए निजी या पट्टे पर ली गई भूमि होनी चाहिए, और मछली पालन में रुचि के साथ प्रशिक्षण प्रमाण पत्र होना अनिवार्य है।
4. आवेदन करने की प्रक्रिया क्या है?
आवेदन करने के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं और पंजीकरण करें। मोबाइल नंबर और OTP के माध्यम से लॉगिन करें, फिर आवेदन पत्र भरें, जिसमें व्यक्तिगत जानकारी, बैंक विवरण और भूमि की जानकारी दर्ज करनी होगी। आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करने के बाद आवेदन जमा करें और प्रिंट आउट लेकर संबंधित जिला मत्स्य कार्यालय में जमा करें।

मै पिछले 5 सालों से ब्लॉगिंग कर रही हूँ , मैं कंप्यूटर साइंस में मास्टर्स हूँ और मेरा मकसद जटिल जानकारी को आसान भाषा में समझाना है , ताकि हर कोई उसे आसानी से समझ सके। खास तौर पर सरकारी योजनाओं, सरकारी नौकरी पर लिखती हु ,जिससे लोगों को मदद मिल सके।