राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लाखों लोगों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) के तहत राज्य के 2,73,752 परिवारों को पक्का घर के लिए किस्त आने वाली है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राज्य के गरीब और ग्रामीण तबकों की चिंता करते हुए केंद्र सरकार से तालमेल बैठाया और योजनाओं में प्रदेश को अधिक लाभ दिलाने के लिए ठोस पहल की। दिल्ली में हुई बैठक में उन्होंने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान से इस मुद्दे पर विशेष चर्चा की, जिसका असर अब जमीनी स्तर पर दिखने लगा है।
प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण राजस्थान
वर्ष 2018 में हुए आवास प्लस सर्वे में शामिल 2.73 लाख परिवार अब इस योजना का लाभ पा सकेंगे। इससे पहले राजस्थान को 22.23 लाख घरों का लक्ष्य मिला था, जिनमें से लगभग 20 लाख मकानों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। अब शेष परिवारों को भी आवास की स्वीकृति मिल चुकी है।
राज्य सरकार ने ‘गरीबी मुक्त राजस्थान’ का सपना साकार करने के लिए विशेष रणनीति बनाई है। पहले चरण में 5,000 गांवों को गरीबी रेखा से ऊपर लाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए बजट में 300 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। सरकार इन परिवारों को केवल घर ही नहीं दे रही, बल्कि उन्हें स्वरोजगार, कौशल विकास और रोजगार से जोड़कर आत्मनिर्भर बना रही है।
पहली किश्त सीधे बैंक खातों में भेजने के निर्देश
ग्रामीण विकास विभाग ने सभी जिला कलेक्टरों को पात्र लाभार्थियों को स्वीकृति पत्र जारी करने और पहली किश्त भेजने के निर्देश दिए हैं। प्रत्येक लाभार्थी के खाते में 1.20 लाख रुपये भेजे जाएंगे। साथ ही, शौचालय निर्माण के लिए 12 हजार रुपये और मनरेगा के तहत 90 दिनों की मजदूरी का भी भुगतान किया जाएगा।
राजस्थान सरकार की यह पहल केवल छत तक सीमित नहीं है। यह सम्मानजनक जीवन की ओर बढ़ाया गया एक मजबूत कदम है। अब इन परिवारों को न सिर्फ घर मिलेगा, बल्कि वे समाज में गर्व से खड़े हो सकेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘हर किसी को आवास’ का सपना अब राजस्थान में पूरी तरह हकीकत बनता नजर आ रहा है।