पालनहार योजना नवीनीकरण प्रक्रिया: आवश्यक जानकारीराजस्थान द्वारा कई योजनाये चलायी जा रही है उनमे से न्यायिक प्रक्रिया से मृत्यु दंड, आजीवन कारावास प्राप्त माता-पिता की संतान इसके अलावा निराश्रित पेंशन की पात्र विधवा माता की अधिकतम तीन संतान,नाता जाने वाली माता की अधिकतम तीन संतान है , पुनः विवाह विधवा माता की संतान , एड्स पीड़ित माता-पिता की संतान, कुष्ठ रोग से पीड़ित माता-पिता की संतान , इसके अलावा दोस्तों विकलांग माता-पिता की संतान और तलाकशुदा या परित्याग महिला की संतान यह सभी पालनहार योजना राजस्थान के पात्र होते है।
पालनहार योजना राजस्थान सरकार द्वारा उन बच्चो के लिए शुरु की गयी है जो 0 से 18 वर्ष के है और उन बच्चो का पालन पोषण परिवार के अन्य निकटतम सदस्य द्वारा किया जाता है इसलिए उन बच्चो का पालन पोषण करने वाले को पालनहार कहा जाता है।
राजस्थान पालनहार योजना क्या है? | What is Rajasthan Palanhar Yojana ?
पालनहार योजना का मुख्य उद्देश्य उन बच्चों की आर्थिक मदद करना है, जो अनाथ, निराश्रित या विशेष परिस्थितियों के कारण अपने माता-पिता की देखभाल से वंचित हैं। राजस्थान सरकार द्वारा इन बच्चों के पालन पोषण के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है, ताकि वे उचित शिक्षा और जीवनयापन कर सकें। पालनहार योजना के तहत अनाथ बच्चों को हर महीने आर्थिक सहायता दी जाती है, जिससे उनकी शिक्षा, भोजन और अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति हो सके।
योजना का नाम | राजस्थान पालनहार योजना |
लाभार्थी | अनाथ और विधवा/तलाकशुदा महिलाओं के बच्चों |
उद्देश्य | अनाथ और विधवा/तलाकशुदा महिलाओं के बच्चों के लिए आर्थिक सहायता |
लाभ | 0 से 6 वर्ष तक के बच्चों को ₹1,500 प्रतिमाह 6 से 18 वर्ष तक के बच्चों को ₹2,500 प्रतिमाह |
अतिरिक्त लाभ | कपड़े, स्वेटर, और जूते के लिए हर वर्ष ₹2,000 |
पात्रता | अनाथ ,विधवा के बच्चे,पृथक या तलाकशुदा महिलाओं के बच्चे |
पंजीकरण प्रक्रिया | ऑनलाइन SSO या ई-मित्र केंद्र द्वारा |
पालनहार योजना में हर लाभार्थी को यह सुनिश्चित करना होता है कि वह योजना का लाभ पाने के लिए पात्र है। इसके लिए हर साल जुलाई से दिसंबर तक नवीनीकरण करवाना अनिवार्य होता है। नवीनीकरण का उद्देश्य यह देखना है कि लाभार्थी बच्चा योजना का सही लाभ उठा रहा है या नहीं। साथ ही, नवीनीकरण के जरिए यह भी पुष्टि की जाती है कि बच्चा स्कूल, कॉलेज या आंगनबाड़ी में पढ़ाई कर रहा है या नहीं।
पालनहार नवीनीकरण नहीं करवाने पर क्या होगा?
अगर किसी बच्चे का पालनहार या अभिभावक नवीनीकरण नहीं करवाता है, तो उसकी आर्थिक सहायता राशि रोक दी जाएगी। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने बताया कि इस सत्र (2024-25) में कुल 12980 बच्चों को पालनहार योजना के तहत आर्थिक सहायता दी जा रही है। इनमें से 8153 बच्चों ने नवीनीकरण करवाया है, लेकिन 4827 बच्चों ने अभी तक नवीनीकरण नहीं करवाया है। ऐसे में उन बच्चों की आर्थिक सहायता पर रोक लगाई जा सकती है।
पालनहार नवीनीकरण कैसे करवाएं?
पालनहार योजना में नवीनीकरण करवाने के लिए पालनहार को बच्चे का अध्ययन प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होता है। यह प्रमाण पत्र आंगनबाड़ी केंद्र, स्कूल या कॉलेज से प्राप्त किया जा सकता है। प्रमाण पत्र प्राप्त करने के बाद, पालनहार निम्नलिखित तरीकों से नवीनीकरण करवा सकते हैं:
- ई-मित्र कियोस्क पर जाएं: राजस्थान में ई-मित्र कियोस्क उपलब्ध हैं जहाँ पर आसानी से नवीनीकरण की प्रक्रिया पूरी की जा सकती है।
- राजीव गांधी सेवा केंद्र पर जाएं: पालनहार राजीव गांधी सेवा केंद्र पर भी जाकर नवीनीकरण करवा सकते हैं।
- सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के ब्लॉक कार्यालय में जाएं: यहां पर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर नवीनीकरण करवाना भी संभव है।
- बच्चे का “आंगनवाड़ी पंजीकरण/विद्यालय प्रमाण पत्र” हर साल जुलाई में ई-मित्र कियोस्क से अद्यतन करना अनिवार्य है। अन्यथा, विभाग द्वारा भुगतान रोक दिया जाता है।
- नवीनीकरण की प्रक्रिया जुलाई से दिसंबर तक पूरी करनी होती है, इसलिए समय रहते नवीनीकरण करवा लें।
पालनहार योजना के आवश्यक दस्तावेज
राजस्थान पालनहार योजना में आवेदन करने के लिए निम्नलिखित दस्तावेज़ों की आवश्यकता होती है:
- पालनहार का आधार कार्ड
- बच्चे का आधार कार्ड
- जान आधार कार्ड
- आय प्रमाण पत्र (बीपीएल परिवार के लिए आवश्यक नहीं)
- मूल निवास प्रमाण पत्र
- अध्यनरत प्रमाण पत्र (अगर बच्चा स्कूल या आंगनवाड़ी में पढ़ाई कर रहा है)
- अनाथ बच्चों का लालन-पालन प्रमाण पत्र
पालनहार योजना के मुख्य बिंदु
- शून्य से 6 वर्ष तक के बच्चों को ₹1500 और 6 से 18 वर्ष तक के बच्चों को ₹2500 प्रतिमाह की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
- कपड़े, जूते, और स्वेटर के लिए हर वर्ष ₹2000 की अतिरिक्त राशि दी जाती है।
- अनाथ बच्चे, निराश्रित विधवा के बच्चे, आजीवन कारावास या मृत्युदंड प्राप्त माता-पिता के बच्चे, पुनर्विवाहित विधवा के बच्चे, एच.आई.वी./एड्स पीड़ित माता-पिता के बच्चे, कुष्ठ रोग से पीड़ित माता-पिता के बच्चे, तलाकशुदा/परित्यक्ता महिला के बच्चे और विशेष योग्यजन माता-पिता के बच्चे इस योजना के पात्र हैं।
- सहायता राशि लाभार्थियों के बैंक खातों में सीधे ट्रांसफर की जाती है, जिससे बच्चों की देखभाल और पालन-पोषण में मदद मिल सके।
- आवेदन के लिए माता-पिता के मृत्यु प्रमाण-पत्र, दंडादेश की प्रति, विधवा पेंशन आदेश, पुनर्विवाह प्रमाण-पत्र, निःशक्तता प्रमाण-पत्र, एच.आई.वी./एड्स का प्रमाण आदि दस्तावेज़ जरूरी हैं।
- हर वर्ष बच्चों की आंगनवाड़ी या विद्यालय में पढ़ाई का प्रमाण पत्र देकर वेरीफिकेशन कराना अनिवार्य है।
Important Links For Palanhar Yojana
पालनहार योजना आवेदन | यहाँ क्लिक करे |
पालनहार योजना का स्टेटस | यहाँ क्लिक करे |
विभागीय पोर्टल | यहाँ क्लिक करे |
पात्रता नियम | यहाँ क्लिक करे |
जिलेवार लाभार्थी | यहाँ क्लिक करे |
FAQ: राजस्थान पालनहार योजना
पालनहार योजना क्या है?
यह योजना उन बच्चों के लिए है जो 0 से 18 वर्ष के हैं और जिनका पालन-पोषण किसी अन्य निकटतम सदस्य द्वारा किया जाता है। इसका उद्देश्य ऐसे बच्चों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है।
कौन से बच्चे इस योजना के लिए पात्र हैं?
अनाथ बच्चे, मृत्यु दंड/आजीवन कारावास प्राप्त माता/पिता के बच्चे,निराश्रित विधवा माता के बच्चे,एड्स या कुष्ठ रोग से पीड़ित माता/पिता के बच्चे, तलाकशुदा या परित्यक्त महिला के बच्चे।
योजना का लाभ क्या है?
0 से 6 वर्ष के बच्चों को ₹1500 प्रति माह और 6 से 18 वर्ष के बच्चों को ₹2500 प्रति माह आर्थिक सहायता मिलती है। इसके अलावा, कपड़े, जूते और स्वेटर के लिए हर वर्ष ₹2000 का अतिरिक्त लाभ भी दिया जाता है।
योजना की अधिक जानकारी कहां से प्राप्त कर सकते हैं?
योजना की जानकारी आधिकारिक वेबसाइट या नजदीकी ई-मित्र केंद्र से प्राप्त की जा सकती है।
मै पिछले 5 सालों से ब्लॉगिंग कर रही हूँ , मैं कंप्यूटर साइंस में मास्टर्स हूँ और मेरा मकसद जटिल जानकारी को आसान भाषा में समझाना है , ताकि हर कोई उसे आसानी से समझ सके। खास तौर पर सरकारी योजनाओं, सरकारी नौकरी पर लिखती हु ,जिससे लोगों को मदद मिल सके।