राजस्थान के भूमिहीन कृषि श्रमिकों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है। राज्य सरकार ने ऐसे किसानों को आत्मनिर्भर और तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए एक नई योजना भूमिहीन कृषि श्रमिक कृषि यंत्र अनुदान योजना राजस्थान शुरू की है।
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भूमिहीन कृषि श्रमिक कृषि यंत्र अनुदान योजना राजस्थान के तहत भूमिहीन श्रमिकों को आधुनिक कृषि यंत्र और उपकरण खरीदने पर अधिकतम 5000 रुपए तक का अनुदान दिया जाएगा। इसका उद्देश्य किसानों की कार्यकुशलता को बढ़ाना और उन्हें आधुनिक कृषि पद्धतियों से जोड़ना है।
भूमिहीन कृषि श्रमिक कृषि यंत्र अनुदान योजना राजस्थान 2025
इस योजना के अंतर्गत जिले के 1652 भूमिहीन किसानों को लाभान्वित किया जाएगा। योजना के लिए कुल 82 लाख 60 हजार रुपए की राशि स्वीकृत की गई है।
यह योजना मुख्यमंत्री की बजट घोषणा का हिस्सा है और इसके तहत केवल उन्हीं श्रमिकों को शामिल किया जाएगा जिनके पास स्वयं की कृषि योग्य भूमि नहीं है और जिनका मोबाइल नंबर तथा बैंक खाता जनआधार से लिंक है।
भूमिहीन कृषि श्रमिक कृषि यंत्र अनुदान योजना में इन यंत्रों पर मिलेगा अनुदान
भूमिहीन कृषि श्रमिक कृषि यंत्र अनुदान योजना राजस्थान के तहत किसानों को 30 से अधिक आधुनिक कृषि यंत्रों और उपकरणों पर अनुदान मिलेगा। इनमें शामिल हैं
- वी शेप हेवी रेक कम बंड मेकर
- उन्नत हैंड हो, ट्यूबलर मेज शेलर
- खुरपी, हैंड कल्टीवेटर, सरेटेड सिकल
- नेपसेक स्प्रेयर (8 व 16 लीटर)
- प्रेशर बॉटल स्प्रेयर
- झाड़ी काटने की कैंची
- घास काटने की मशीन
- ड्रिबलर, व्हील बरो, डिबलर, कोनो विडर
- कॉटन प्लकर बैटरी ऑपरेटेड
- ड्रम सीडर, सोलर नेपसेक स्प्रेयर और कई अन्य यंत्र
वंचित वर्गों को प्राथमिकता
हर ग्राम पंचायत में सरपंच की अध्यक्षता में एक चयन समिति का गठन किया जाएगा जिसमें कृषि पर्यवेक्षक सदस्य सचिव होंगे और वीडीओ व पटवारी सदस्य के रूप में रहेंगे।
चयन में महिला कृषि श्रमिकों, अनुसूचित जाति, जनजाति, बीपीएल और अन्य वंचित वर्गों को प्राथमिकता दी जाएगी।
साथ ही, एक ही परिवार से केवल एक व्यक्ति को योजना का लाभ मिल सकेगा जिससे अधिकतम परिवारों को योजना से जोड़ा जा सके।
राज किसान साथी से होगा आवेदन
जो श्रमिक चयनित होंगे उन्हें “राज किसान साथी” मोबाइल ऐप के जरिए जनआधार नंबर से आवेदन करना होगा। जब प्रशासनिक मंजूरी मिल जाएगी, तब लाभार्थी पंजीकृत फर्मों से 45 दिनों के भीतर यंत्र खरीद सकते हैं।
इसके बाद संबंधित कृषि अधिकारी और कृषि पर्यवेक्षक भौतिक सत्यापन करेंगे और सत्यापन के बाद 5000 रुपए की अनुदान राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी।