मेरा पानी मेरी विरासत योजना: हरियाणा सरकार ने किसानों को कम पानी वाली फसलों की खेती के लिए प्रोत्साहित करने की योजना चलाई है। इसका नाम है – “मेरा पानी मेरी विरासत” योजना। मेरा पानी मेरी विरासत योजना हरियाणा के तहत जो किसान धान की खेती छोड़कर दूसरी फसलें लगाएंगे, उन्हें सरकार 8000 रुपये प्रति एकड़ की मदद देगी।
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मेरा पानी मेरी विरासत योजना हरियाणा 2025
पहले इस मेरा पानी मेरी विरासत योजना हरियाणा के तहत किसानों को 7000 रुपये प्रति एकड़ की सहायता मिलती थी। लेकिन अब मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने इसे बढ़ाकर 8000 रुपये कर दिया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान पानी बचाने के लिए धान की जगह दूसरी फसलें बोएं।
अब गांव की पंचायतें भी मेरा पानी मेरी विरासत योजना हरियाणा का फायदा उठा सकती हैं। अगर कोई ग्राम पंचायत अपनी खेती वाली जमीन को पट्टे पर ना देकर खाली छोड़ देती है, तो उसे भी सरकार 8000 रुपये प्रति एकड़ देगी।
धान की सीधी बुआई यानी DSR तकनीक से बुआई करने वाले किसानों को अब 4500 रुपये प्रति एकड़ मिलेंगे। पहले ये राशि 4000 रुपये थी। यह तरीका धान लगाने का एक नया तरीका है, जिससे 20% से 30% तक पानी की बचत होती है।
पराली का प्रबंधन करने पर भी मिलेगा पैसा
धान की कटाई के बाद खेतों में बची पराली को जलाना मना है। अब जो किसान पराली को जलाने की बजाय उसका सही प्रबंधन करेंगे, उन्हें भी सरकार से मदद मिलेगी। पहले उन्हें 1000 रुपये प्रति एकड़ मिलते थे, अब यह राशि 1200 रुपये कर दी गई है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस बार प्राकृतिक खेती का लक्ष्य भी बड़ा कर दिया गया है। पहले यह लक्ष्य 25,000 एकड़ था, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 1 लाख एकड़ कर दिया गया है। इसका मतलब है कि ज्यादा किसान अब बिना रासायनिक खाद और कीटनाशक के खेती करेंगे।
अब एक एकड़ पर भी मिलेगा लाभ
पहले प्राकृतिक खेती का लाभ लेने के लिए किसान के पास कम से कम 2 एकड़ जमीन होना जरूरी था। अब यह शर्त बदल दी गई है। अब 1 एकड़ जमीन वाले किसान भी इस योजना का लाभ ले सकते हैं।
हरियाणा में कुछ जमीनें नमकीन या खराब हो गई हैं, जिन्हें खेती के लायक बनाना जरूरी है। पहले सरकार का लक्ष्य था कि 62,000 एकड़ जमीन को दोबारा ठीक किया जाए, लेकिन अब यह लक्ष्य भी बढ़ाकर 1 लाख एकड़ कर दिया गया है।
किसानों को मिलेगा सीधा फायदा
इन सभी योजनाओं का मकसद है –
- पानी की बचत करना
- जमीन की हालत सुधारना
- किसान की आमदनी बढ़ाना
- प्रदूषण कम करना