अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना बिहार ( इंटर कास्ट विवाह योजना बिहार) के तहत लिए हिन्दू सवर्ण जातियों के युवक/युवती से अनुसूचित जाति के युवती / युवक के द्वारा विवाह किये जाने पर प्रोत्साहन राशि दिये जाने का प्रावधान है।
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अगर आप सरकार की तय शर्तों को पूरा करते हैं तो 1 से लेकर 3 लाख रुपये तक की राशि सीधे आपके खाते में आ सकती है। अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना बिहार के द्वारा बिहार का मुख्य उदेश्य छुआछूत और जातीय भेद को खतम करना करना है अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना बिहार को लागू करने का मकसद सामाजिक बंधनों को तोड़कर एक समान समाज का निर्माण करना है, जहाँ जाति के आधार पर भेदभाव न हो
अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना बिहार 2025 | Inter Caste Marriage Scheme Bihar 2025
अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग द्वारा चलाई जा रही है। इसका मुख्य उद्देश्य है कि अगर कोई युवक या युवती अंतरजातीय विवाह करता है यानी उनकी जाति एक-दूसरे से अलग है, और उनमें से कोई एक आरक्षित वर्ग से आता है (SC/ST/), तो सरकार आर्थिक सहायता देती है। इतना ही नहीं, अगर शादी दिव्यांगजन से होती है, या दोनों दंपति दिव्यांग हैं, तो सरकार इस पर भी प्रोत्साहन राशि देती है।
योजना का नाम | अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना बिहार |
लाभ राशि | ₹1 लाख से ₹3 लाख तक |
पात्रता | एक साथी SC/ST से हो, पहला विवाह हो, शादी रजिस्टर्ड हो |
उम्र सीमा | पुरुष: 21 वर्ष, महिला: 18 वर्ष |
आवेदन मोड | ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों |
वेबसाइट | esuvidha.bihar.gov.in |
बिहार अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना की पात्रता
अगर आपने या किसी जानने वाले ने बिहार में अंतरजातीय शादी की है, तो ये जान लेना जरूरी है कि बिहार अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना का लाभ हर किसी को नहीं मिलता। इसके लिए कुछ जरूरी शर्तें हैं जो सरकार ने तय की हैं। सबसे पहले तो शादी करने वाले जोड़े की उम्र तय सीमा के अनुसार होनी चाहिए—पुरुष की उम्र कम से कम 21 साल और महिला की 18 साल होनी चाहिए। इसके साथ ही दोनों का बिहार का स्थायी निवासी होना भी ज़रूरी है।

बिहार अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना का फायदा उन्हीं जोड़ियों को मिलेगा जिन्होंने पहली बार शादी की हो और जिनमें से एक पार्टनर अनुसूचित जाति (SC) या अनुसूचित जनजाति (ST) से आता हो। अगर किसी की पहले से शादी हो चुकी है, तो वह इस योजना के तहत पात्र नहीं माना जाएगा।
एक और ज़रूरी बात ये है कि शादी कानूनी रूप से रजिस्टर्ड होनी चाहिए, यानी आपके पास विवाह प्रमाणपत्र होना जरूरी है। आवेदन के लिए एक समय सीमा भी है—अक्सर शादी के एक साल के अंदर ही आवेदन करना होता है। कुछ मामलों में BPL श्रेणी और दिव्यांगता जैसी अतिरिक्त शर्तें भी लागू हो सकती हैं।
बिहार अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के जरूरी दस्तावेज
- दंपति दोनों के आधार कार्ड
- हाल की पासपोर्ट साइज फोटो
- आय प्रमाण पत्र
- जाति प्रमाण पत्र
- निवास प्रमाण पत्र
- शादी का प्रमाण पत्र
- दिव्यांग प्रमाण पत्र (अगर लागू हो)
- उम्र का प्रमाण
- बैंक पासबुक की कॉपी
- पहचान पत्र (जैसे पैन, वोटर आईडी आदि)
अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना बिहार की मुख्य बातें
- अगर पति-पत्नी में से कोई एक आरक्षित जाति से है, तो अंतरजातीय विवाह पर ₹1 लाख रुपये मिलते हैं।
- अगर कोई दिव्यांग व्यक्ति शादी करता है, तो उसे ₹1 लाख अतिरिक्त मिलते हैं।
- अगर दोनों पति-पत्नी दिव्यांग हैं, तो सरकार ₹2 लाख देती है।
- अगर शादी अंतरजातीय भी है और दोनों दिव्यांग भी हैं, तो कुल ₹3 लाख तक की सहायता मिल सकती है।
- यह राशि शादी के बाद महिला या दिव्यांग साथी के बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर की जाती है।
बिहार अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना में आवेदन कैसे करें ?
अगर आप बिहार में अंतरजातीय विवाह कर चुके हैं और अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना बिहार का लाभ लेना चाहते हैं, तो आवेदन करना अब बहुत ही आसान है। आप चाहें तो ऑफलाइन आवेदन के लिए अपने जिले के सामाजिक सुरक्षा कार्यालय जाकर फॉर्म ले सकते हैं, उसे भरकर जरूरी दस्तावेजों के साथ जमा कर सकते हैं। अधिकारी जांच के बाद इसे ऑनलाइन सिस्टम में अपडेट कर देते हैं।
वहीं अगर आप घर बैठे ऑनलाइन आवेदन करना चाहते हैं, तो ई-सुविधा पोर्टल पर जाकर रजिस्ट्रेशन करें, फॉर्म भरें, दस्तावेज अपलोड करें और आवेदन सबमिट कर दें। सत्यापन पूरा होने के बाद आपकी स्वीकृत राशि सीधे आपके खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी।