बिहार की ग्रामीण महिलाओं ने एक नई मिसाल कायम की है। जहां पहले महिलाएं सिर्फ घरेलू कामों तक सीमित थीं, वहीं अब वही महिलाएं मछली पालन जैसे छोटे व्यवसाय को अपनाकर आत्मनिर्भर बन रही हैं।
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राज्य सरकार की मदद और सही प्रशिक्षण की बदौलत इन महिलाओं ने यह साबित कर दिया है कि अगर अवसर मिले तो गांव की महिलाएं भी हर चुनौती को पार कर सकती हैं और आर्थिक रूप से मजबूत बन सकती हैं।
महिलाओं को सरकार ने दिया मछली पालन का प्रशिक्षण
राज्य सरकार की योजना का उद्देश्य था महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और इसके लिए उन्हें मछली पालन का प्रशिक्षण दिया गया। सिर्फ ट्रेनिंग ही नहीं, सरकार ने उन्हें बीज, चारा, तकनीकी जानकारी और बाजार से जुड़ाव तक की पूरी सहायता दी। इसी का नतीजा है कि अब महिलाएं घर बैठे एक सफल व्यवसाय चला रही हैं।
जीविका योजना से मिली नई पहचान
बिहार सरकार की जीविका योजना ने महिलाओं के जीवन में बदलाव लाया है। इस योजना के तहत मथुरापुर कतहरवा पंचायत की महिलाओं ने मिलकर उत्पादक समूह बनाए और लीज पर जमीन लेकर मछली पालन शुरू किया। इन महिलाओं ने एक साल के अंदर 127 किलो मछली बेचकर अच्छी कमाई की और गांव की दूसरी महिलाओं को भी प्रेरित किया।
बीज, चारा और सलाह सब कुछ मुफ्त मिला
सरकारी योजना के तहत महिलाओं को मछली पालन शुरू करने के लिए बीज और चारा मुफ्त में मिला। साथ ही जब कभी कोई दिक्कत आती है, तो मत्स्य सखी और योजना से जुड़े विशेषज्ञ तुरंत मदद करते हैं। इस वजह से नुकसान की संभावना बहुत कम हो गई है।
जीविका योजना के तहत महिलाएं न सिर्फ मछली पालन, बल्कि अन्य व्यवसाय जैसे दुकानदारी, मुर्गी पालन आदि भी सीख रही हैं। उन्हें यह भी सिखाया जा रहा है कि बचत कैसे करें, सरकारी लोन कैसे लें, और बाजार में सामान कैसे बेचें। इससे महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं और अपने परिवार की आर्थिक मदद भी कर रही हैं।