राजस्थान ऊंट संरक्षण योजना 2024: आवेदन प्रक्रिया और ₹20,000 प्रोत्साहन

Telegram Channel Join Now

ऊंट संरक्षण योजना राजस्थान: राजस्थान सरकार द्वारा राजस्थान के ऊंट पलकों के लिए एक विशेष योजना शुरु की है जिसका नाम राजस्थान ऊंट संरक्षण योजना है।

जैसा कि ऊंट को राजस्थान में विभिन्न कार्यों के लिए उपयोग किया जाता है और इनकी संख्या भी लगातार घटती ही जा रही है इसीलिए राजस्थान सरकार ने ऊंट संरक्षण योजना शुरू की है जिसका उद्देश्य ऊंट का संरक्षण करना है तथा पूर्ण पलकों को प्रोत्साहन देना है।

पहले इस योजना के द्वारा ₹10000 की प्रचार राज्य ऊंट बालकों को दी जाती थी जिसे अब सरकार द्वारा बढ़कर ₹20000 कर दिया गया है इस योजना योजना में ऊंट शिशु के जन्म जिसको राजस्थान में भाषा में तोड़िया भी बोलते हैं तोड़िया के जन्म के 1 वर्ष की अवधि के दौरान ही सहायता राशि दी जाती है इसके लिए आवेदन ऑनलाइन करना पड़ता है।

ऊंट संरक्षण योजना राजस्थान द्वारा राजस्थान और देश में ऊंट की आबादी को बढ़ाना इसका मुख्य उद्देश्य तथा ऊंट के प्रजनन को प्रोत्साहन देना तथा साथ ही वोट पलकों की आय बढ़कर आर्थिक सहायता देना भी इस योजना का मुख्य उद्देश्य है।

मुख्यमंत्री कृषक साथी सहायता योजना: किसानों के लिए 2 लाख तक की मदद

आयुष्मान जीवन रक्षा योजना 

पीएम स्व-निधि योजना

मुख्यमंत्री युवा संबल योजना

ऊंट संरक्षण योजना राजस्थान | ऊंट पालन प्रोत्साहन योजना

राजस्थान सरकार ने ऊंट संरक्षण योजना के तहत ऊंट पालकों को प्रोत्साहन राशि बढ़ाकर ₹20,000 कर दी है। यह राशि ऊंटनी के ब्याने के बाद से शिशु ऊंट (टोडिया) के एक वर्ष तक की उम्र तक दी जाती है। सरकार का उद्देश्य ऊंटों की घटती संख्या को रोकना और ऊंट प्रजनन को प्रोत्साहन देना है।

पहले प्रोत्साहन राशि ₹10,000 थी, जिसे अब बढ़ाकर ₹20,000 कर दिया गया है। यह राशि दो किश्तों में दी जाती है—पहली किश्त ₹10,000 शिशु ऊंट (टोडिया) के जन्म के बाद और दूसरी किश्त ₹10,000 टोडिया के 1 साल का होने पर दी जाती है। योजना का लाभ केवल राजस्थान के ऊंट पालकों को ही दिया जाएगा, बशर्ते ऊंटनी का रजिस्ट्रेशन कम से कम 15 महीने पुराना हो। आवेदन के लिए पशुपालन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर प्रक्रिया पूरी करनी होती है। योजना का उद्देश्य ऊंट पालकों को प्रोत्साहित करना और इस पारंपरिक व्यवसाय को फिर से सशक्त बनाना है।

योजना का नामऊंट संरक्षण योजना
योजना का उद्देश्यऊंटों की घटती संख्या पर रोक लगाना और ऊंट प्रजनन को बढ़ावा देना
प्रोत्साहन राशिपहले ₹10,000, अब बढ़ाकर ₹20,000 कर दी गई
राशि वितरणदो किश्तों में – ₹10,000 जन्म के बाद और ₹10,000 टोडिया के 1 साल का होने पर
लाभार्थीराजस्थान में ऊंट पालक
योग्यताऊंटनी का रजिस्ट्रेशन 15 महीने पुराना होना चाहिए
आवेदन प्रक्रियापशुपालन विभाग की वेबसाइट द्वारा

ऊंट संरक्षण योजना का लाभ

ऊंटनी और उसके बच्चे (जिसे प्यार से टोडिया कहते हैं) का रिश्ता बेहद खास होता है। टोडिए के जन्म से लेकर उसके बड़ा होने तक ऊंटनी उसे हर संभव सुरक्षा देती है। लेकिन इस दौरान ऊंट पालकों को उसका ध्यान रखने में काफी खर्च उठाना पड़ता है। नई योजना के तहत मिलने वाली राशि से अब इस खर्च को आसानी से पूरा किया जा सकेगा।

राजस्थान ऊंट संरक्षण योजना के तहत ऊंट प्रजनन को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी, जिससे ऊंटों की संख्या में वृद्धि होगी। यह योजना ऊंट पालकों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में मदद करेगी, क्योंकि प्रोत्साहन राशि से ऊंटनी और टोडिया की देखभाल के खर्चों में कमी आएगी।

  • ऊंट प्रजनन बढ़ाने में मदद।
  • ऊंट पालकों की आर्थिक स्थिति में सुधार।
  • प्रोत्साहन राशि से ऊंटनी और टोडिया की देखभाल के खर्च में कमी।

राजस्थान ऊंट संरक्षण योजना में मिलने वाली प्रोत्साहन राशि

किश्तराशि (₹)भुगतान का समय
पहली किश्त10,000टोडिया (ऊंट का बच्चा) के जन्म के बाद
दूसरी किश्त10,000टोडिया के एक साल का होने पर

ऊंट पालकों को ऊंटनी के ब्याने (बच्चा देने) पर 20,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। पहले यह राशि 10,000 रुपये थी, जिसे अब दोगुना कर दिया गया है। यह राशि दो किश्तों में दी जाती है:

  • पहली किश्त: ₹10,000, जो टोडिया (ऊंट के बच्चे) के जन्म के बाद दी जाती है।
  • दूसरी किश्त: ₹10,000, जो टोडिया के एक साल का होने पर दी जाती है।

यहां दिए गए विवरणों से आवश्यक दस्तावेजों की सूची निम्नलिखित है:

ऊंट संरक्षण योजना के आवश्यक दस्तावेज़

  • ऊंटपालक का जनआधार
  • आधार कार्ड की फोटो प्रति
  • बैंक खाते की पासबुक / चेक की फोटो प्रति
  • मोबाइल नंबर

इसके अलावा, आवेदन में निम्नलिखित जानकारी भी जरूरी है:

  • ऊंटपालक का नाम, पिता का नाम, पूर्ण पता, पिन कोड, मोबाइल नंबर, जनआधार नंबर, आधार कार्ड नंबर
  • उष्टवंश का विवरण (जैसे नर और मादा ऊंटों की संख्या, चयनित ऊंटनी की संख्या, 0-2 माह के टोडियों की संख्या)
  • बैंक खाते का विवरण (जैसे बैंक का नाम, आई.एफ.एस.कोड, बैंक शाखा का नाम, बैंक खाता संख्या)

ऊंट संरक्षण योजना आवेदन प्रक्रिया

ऊंटपालक योजना के तहत आवेदन करने के लिए सबसे पहले विभाग की वेबसाइट पर जा कर ऊंट संरक्षण योजना पर क्लिक करना है और अब आपके सामने एक फॉर्म खुल जायेगा जिसे आपको निचे दिए गए स्टेप के अनुसार भरना है-

राजस्थान ऊंट संरक्षण योजना पोर्टल
राजस्थान ऊंट संरक्षण योजना पोर्टल
  1. राज्य, ज़िला और तहसील का चयन करें: पहले आपको अपनी राज्य, ज़िला और तहसील का चयन करना होगा।
  2. संस्था प्रकार और नाम भरें: फिर, संस्था का प्रकार और नाम दर्ज करें।
  3. व्यक्तिगत जानकारी भरें: इसके बाद, ऊंटपालक का नाम, पिता का नाम, पूरा पता, पिन कोड, मोबाइल नंबर, जनआधार और आधार कार्ड नंबर भरें।
  4. ऊंटों की जानकारी दें: आपको अपने पास मौजूद नर और मादा ऊंटों, टोडी और गर्भवती ऊंटनी की संख्या भरनी होगी।
  5. बैंक विवरण दर्ज करें: इसके बाद, बैंक का नाम, खाता नंबर और IFSC कोड भरें।
  6. मोबाइल OTP डालें: आवेदन प्रक्रिया की पुष्टि के लिए मोबाइल OTP भरें।
  7. दस्तावेज़ अपलोड करें: आधार कार्ड और बैंक पासबुक की फोटो अपलोड करें।
  8. आवेदन सबमिट करें: अंत में, सभी जानकारी सही से भरने के बाद आवेदन सबमिट करें।

इन सरल कदमों के साथ आप इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं, और प्रोत्साहन राशि प्राप्त करने की प्रक्रिया को आसानी से पूरा कर सकते हैं।

ऊंट संरक्षण योजना के महत्वपूर्ण लिंक

विभागीय पोर्टल यहाँ क्लिक करे
अप्लाई ऑनलाइनयहाँ क्लिक करे
अन्य योजना यहाँ क्लिक करे

ऊंट संरक्षण योजना -FAQ

Rajasthan ऊंट संरक्षण योजना क्या है?

राजस्थान सरकार की ऊंट संरक्षण योजना का उद्देश्य ऊंटों की घटती संख्या को रोकना और ऊंट प्रजनन को बढ़ावा देना है। यह योजना ऊंट पालकों को ₹20,000 की प्रोत्साहन राशि देती है, जो ऊंट के बच्चे (टोडिया) के जन्म के बाद और एक साल तक दी जाती है।

ऊंट संरक्षण योजना के तहत किसे लाभ मिलेगा?

इस योजना का लाभ राजस्थान के उन ऊंट पालकों को मिलेगा जिनकी ऊंटनी का रजिस्ट्रेशन कम से कम 15 महीने पुराना हो।

प्रोत्साहन राशि कितनी मिलेगी ?

ऊंट पालकों को ₹20,000 की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। यह राशि दो किश्तों में बांटी जाती है—पहली किश्त ₹10,000 टोडिया के जन्म के बाद, और दूसरी किश्त ₹10,000 टोडिया के एक साल का होने पर।

क्या इस योजना के लिए कोई विशेष दस्तावेज़ आवश्यक हैं?

हां, ऊंटपालक के जनआधार, आधार कार्ड, बैंक खाते की पासबुक/चेक की फोटो प्रति और मोबाइल नंबर जैसे दस्तावेज़ जरूरी हैं।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top