राजस्थान में पेंशनधारियों के लिए एक बड़ी राहत की खबर आई है। अक्सर ऐसा होता था कि समाज कल्याण विभाग के अधिकारी किसी की मृत्यु या राज्य से बाहर पलायन का बहाना बनाकर पेंशन रोक देते थे। इसके कारण कई लोगों को अपनी पेंशन फिर से शुरू करवाने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते थे।
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राजस्थान में सामाजिक सुरक्षा पेंशन
पहले, पेंशनधारियों को अधिकारियों की मनमानी का सामना करना पड़ता था। समाज कल्याण विभाग के अधिकारी बिना किसी ठोस कारण के पेंशन रोक देते थे। इसके कारण पेंशनधारियों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता था और उन्हें अपनी पेंशन फिर से चालू करवाने के लिए काफी मुश्किलें झेलनी पड़ती थीं।
नई व्यवस्था क्या है?
अब राजस्थान सरकार ने इस समस्या का समाधान निकालते हुए नई व्यवस्था लागू की है। इसके तहत, अब समाज कल्याण विभाग को पेंशन रोकने से पहले पंचायत समिति के विकास अधिकारी के पास पेंशनधारियों की सूची भेजनी होगी। इस सूची को ग्राम विकास अधिकारी अपने स्तर पर जांच करेंगे और ग्राम सभा में इसकी तस्दीक करेंगे। ग्राम सभा द्वारा इसकी पुष्टि होने के बाद ही पेंशन रोकी जा सकेगी।
नई व्यवस्था के फायदे
इस नई प्रक्रिया से अब किसी अधिकारी की मनमानी नहीं चलेगी। इससे पेंशनधारियों को बिना किसी वजह के परेशान नहीं किया जा सकेगा। योग्य पेंशनधारियों को अब अपनी पेंशन पाने में कोई दिक्कत नहीं होगी, और उन्हें पेंशन शुरू करवाने के लिए बार-बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
राजस्थान में सामाजिक सुरक्षा पेंशन लेने वालों पर सख्त कार्रवाई
नई व्यवस्था में पंचायत स्तर पर पेंशनधारियों का सत्यापन भी कराया जाएगा। अगर कोई व्यक्ति गलत तरीके से पेंशन ले रहा है, तो उस पर कार्रवाई होगी और उसकी पेंशन बंद कर दी जाएगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि सरकारी पेंशन केवल उन्हीं लोगों को मिले, जो इसके योग्य हैं, और गलत तरीके से इसका लाभ उठाने वाले बाहर हों।
राजस्थान में कितने पेंशनधारी हैं?
राजस्थान में वर्तमान में करीब 9.5 लाख से ज्यादा लोग सामाजिक पेंशन योजना का लाभ उठा रहे हैं। यह नई व्यवस्था उन सभी पेंशनधारियों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगी। अब उनकी पेंशन बिना किसी परेशानी के जारी रहेगी और वे अपने जीवनयापन के लिए निर्भर रह सकेंगे।