राजस्थान सरकार निर्माण श्रमिकों के परिवारों के शैक्षिक और आर्थिक उत्थान के लिए निर्माण श्रमिक शिक्षा कौशल विकास योजना (NSKKVY) चला रही है। राजस्थान निर्माण श्रमिक शिक्षा कौशल विकास योजना के तहत, पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों को छठी कक्षा से लेकर पोस्ट ग्रेजुएशन तक ₹8,000 से ₹35,000 प्रति वर्ष की छात्रवृत्ति और मेधावी छात्रों को ₹4,000 से ₹1 लाख तक का नकद पुरस्कार दिया जाता है।
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राजस्थान निर्माण श्रमिक शिक्षा कौशल विकास योजना 2025
इस योजना का प्राथमिक लक्ष्य निर्माण श्रमिक परिवारों के बच्चों को शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए प्रोत्साहित करना है। सरकार चाहती है कि इन बच्चों को उच्च शिक्षा और कौशल विकास के माध्यम से बेहतर रोजगार के अवसर मिल सकें। इसके अलावा, यह योजना श्रमिकों के जीवन स्तर में सुधार लाने और उन्हें सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने में भी मदद करती है।
योजना का नाम | राजस्थान निर्माण श्रमिक शिक्षा कौशल विकास योजना |
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लाभार्थी | पंजीकृत निर्माण श्रमिक के बच्चे/पत्नी/पुत्री |
लाभ | छात्रवृत्ति ₹8,000 – ₹25,000/वर्ष मेधावी छात्रों को ₹4,000 – ₹1 लाख नकद पुरस्कार |
पात्रता | राजस्थान श्रम विभाग में पंजीकरण जरूरी, न्यूनतम 75% (8वीं–12वीं), 60% (उच्च शिक्षा) |
छात्रवृत्ति | 6वीं से PG तक, छात्राओं/दिव्यांगों को अधिक राशि |
आवेदन प्रक्रिया | ऑनलाइन – SSO पोर्टल |
जरूरी दस्तावेज़ | पंजीकरण कार्ड, आधार, पासबुक, मार्कशीट, संस्था प्रमाण पत्र |
निर्माण श्रमिक शिक्षा कौशल विकास योजना के लाभ
निर्माण श्रमिक शिक्षा कौशल विकास योजना के तहत, छात्रों को उनकी कक्षा और कोर्स के अनुसार वार्षिक छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। उच्च शिक्षा जैसे डिप्लोमा या स्नातकोत्तर करने वाले छात्रों को 10,000 से 25,000 रुपये तक की सहायता मिलती है।
मेधावी छात्रों को अतिरिक्त नकद पुरस्कार भी दिए जाते हैं, जैसे 8वीं कक्षा में 75% अंक लाने पर 4,000 रुपये और प्रोफेशनल कोर्स में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों को 35,000 रुपये तक का इनाम।
राजस्थान निर्माण श्रमिक शिक्षा कौशल विकास योजना के अंतर्गत कक्षा 6वीं से लेकर स्नातकोत्तर स्तर तक के विद्यार्थियों को वार्षिक छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। छात्राओं और दिव्यांग छात्रों को विशेष प्रोत्साहन स्वरूप अधिक राशि दी जाती है, जिससे उन्हें पढ़ाई के दौरान किसी भी प्रकार की वित्तीय बाधा का सामना न करना पड़े।
उदाहरण के लिए, सामान्य स्नातक पाठ्यक्रम के लिए छात्र को ₹13,000 जबकि छात्रा को ₹15,000 वार्षिक सहायता मिलती है। इसी तरह प्रोफेशनल स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के लिए छात्र को ₹23,000 और छात्रा को ₹25,000 की राशि दी जाती है।
इसके साथ ही, मेधावी छात्रों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए नकद पुरस्कार भी दिया जाता है। जैसे कि 8वीं-9वीं के छात्रों को ₹4,000, जबकि प्रोफेशनल स्नातकोत्तर स्तर पर यह राशि ₹35,000 तक पहुंच जाती है।
राजस्थान निर्माण श्रमिक शिक्षा कौशल विकास योजना की पात्रता
निर्माण श्रमिक शिक्षा कौशल विकास योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक को राजस्थान श्रम विभाग में पंजीकृत निर्माण श्रमिक का बच्चा, पत्नी या पुत्री होना चाहिए। पत्नी के मामले में आयु सीमा 35 वर्ष निर्धारित की गई है।
छात्र को सरकारी या मान्यता प्राप्त निजी संस्थान में नियमित पढ़ाई करनी होगी। साथ ही, 8वीं से 12वीं कक्षा में कम से कम 75% और उच्च शिक्षा में 60% अंक प्राप्त करना अनिवार्य है।
निर्माण श्रमिक शिक्षा कौशल विकास योजना के आवश्यक दस्तावेज
आवेदन करते समय श्रमिक का पंजीकरण आईडी कार्ड, आधार कार्ड या भामाशाह कार्ड, बैंक खाते की पासबुक की कॉपी, और छात्र की मार्कशीट की स्व-अटेस्टेड प्रति जमा करनी होती है। इसके अलावा, शैक्षणिक संस्थान के प्रधानाचार्य द्वारा जारी प्रमाण पत्र भी आवश्यक है।
आवेदन करने की प्रक्रिया
आवेदक योजना का लाभ ऑनलाइन या ऑफलाइन माध्यम से उठा सकते हैं। ऑनलाइन प्रक्रिया में सबसे पहले राजस्थान श्रम पोर्टल पर जाकर SSO आईडी से लॉग इन करना होता है। इसके बाद, LDMS सेक्शन में जाकर “BOCW वेलफेयर बोर्ड” के तहत आवेदन फॉर्म भरना होता है।
फॉर्म में छात्र की शैक्षणिक जानकारी, बैंक खाते का विवरण और आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने होते हैं। ऑफलाइन आवेदन के लिए, आधिकारिक वेबसाइट से फॉर्म डाउनलोड करके उसे भरकर नजदीकी श्रम कार्यालय में जमा करना होता है।