राजस्थान चर्म प्रशिक्षण योजना में मिलेगा 500 रुपये स्टाइपेंड

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राजस्थान चर्म प्रशिक्षण योजना:राजस्थान सरकार ने चर्म उद्योग को बढ़ावा देने और चर्म उद्योग से जुड़े लोगो को प्रशिक्षण देने के लिए चर्म प्रशिक्षण योजना राजस्थान शुरु की गयी है , इस चर्म प्रशिक्षण योजना राजस्थान का मुख्य उद्देश्य है कि दस्तकारों के उत्पादन और गुणवत्ता को बेहतर किया जाए, नई डिजाइन पर आधारित प्रोडक्ट बनाए जाएं और युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए प्रशिक्षण योजना राजस्थान को वर्ष 1990 में शुरू की गई थी और तब से यह कई लोगों के लिए रोजगार का एक प्रमुख साधन बनी हुई है।

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चर्म-प्रशिक्षण-योजना-योजना
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चर्म प्रशिक्षण योजना योजना राजस्थान

चर्म प्रशिक्षण योजना योजना के तहत, नागरा जूती और लेदर गुड्स से संबंधित नवीनतम तकनीक का प्रशिक्षण दिया जाता है। यह प्रशिक्षण जिला उद्योग एवं वाणिज्य केंद्रों के माध्यम से संचालित होता है और इसकी अवधि दो महीने की होती है। प्रशिक्षण के दौरान, लाभार्थियों को न केवल तकनीकी ज्ञान दिया जाता है, बल्कि उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित भी किया जाता है। इसके अलावा, यह योजना स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करती है।

योजना का नामचर्म प्रशिक्षण योजना
योजना की शुरुआत1990
योजना का उद्देश्यचर्म उद्योग को बढ़ावा देना, दस्तकारों की गुणवत्ता सुधारना और स्वरोजगार को प्रोत्साहित करना
लाभार्थी वर्गअनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) और सामान्य वर्ग
आयु सीमा18 से 35 वर्ष (चयन समिति 10 वर्ष की छूट दे सकती है)।
शैक्षिक योग्यतासाक्षरता आवश्यक,
8वीं पास और अधिक पढ़े-लिखे आवेदकों को प्राथमिकता
प्रशिक्षण अवधि2 महीने
प्रशिक्षण स्थानजिला उद्योग एवं वाणिज्य केंद्र
स्टाइपेंड500 रुपये प्रति माह।
आवेदन प्रक्रियासादे कागज पर जिला उद्योग एवं वाणिज्य केंद्र के महाप्रबंधक को जमा करें

राजस्थान चर्म प्रशिक्षण योजना में प्रशिक्षण

चर्म प्रशिक्षण योजना के तहत नागरा जूती और लेदर गुड्स से संबंधित नवीनतम तकनीक पर आधारित प्रशिक्षण दिया जाता है। यह प्रशिक्षण जिला उद्योग एवं वाणिज्य केंद्रों के माध्यम से संचालित होता है।

  • प्रशिक्षण की अवधि 2 माह है।
  • नागरा जूती प्रशिक्षण के लिए 15 प्रशिक्षणार्थियों का बैच बनाया जाता है।
  • लेदर गुड्स प्रशिक्षण के लिए 20 प्रशिक्षणार्थियों का बैच निर्धारित है।
  • प्रशिक्षण के दौरान, सभी प्रशिक्षणार्थियों को आधुनिक तकनीकों के साथ काम करना सिखाया जाता है।

राजस्थान चर्म प्रशिक्षण योजना में वित्तीय प्रावधान

वर्ष 2023-24 में राजस्थान चर्म प्रशिक्षण योजना के लिए सरकार ने 15 लाख रुपये का बजट प्रावधान किया था । यह राशि प्रशिक्षण संचालन और लाभार्थियों को उपकरण प्रदान करने के लिए खर्च की जाती है।

राजस्थान चर्म प्रशिक्षण योजना में लाभार्थी

यह योजना सभी वर्गों के 18 से 35 वर्ष की आयु के लोगों के लिए है।

  • अनुसूचित जाति (SC)
  • अनुसूचित जनजाति (ST)
  • अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC)
  • सामान्य वर्ग

विशेष छूट: चयन समिति को पात्रता में 10 वर्ष की आयु सीमा तक छूट देने का अधिकार है।

राजस्थान चर्म प्रशिक्षण योजना की आवश्यक योग्यताएं

  • लाभार्थी को साक्षर होना चाहिए।
  • 8वीं पास और उससे अधिक पढ़े-लिखे उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जाती है।

र्म प्रशिक्षण योजना में प्रशिक्षण के दौरान लाभ

  • स्टाइपेंड:
    प्रशिक्षण के दौरान हर प्रशिक्षणार्थी को 500 रुपये प्रति माह का स्टाइपेंड दिया जाता है।
  • टूल किट्स:
    प्रशिक्षण पूरा होने के बाद, लाभार्थियों को 1000 रुपये तक के टूल किट्स प्रदान किए जाते हैं। यह टूल किट्स उनके कार्य को शुरू करने और आत्मनिर्भर बनने में मदद करते हैं।

र्म प्रशिक्षण योजना की आवेदन प्रक्रिया

चर्म प्रशिक्षण योजना के लिए आवेदन करना बेहद आसान है। आप अपने जिला उद्योग एवं वाणिज्य केंद्र में संपर्क करके योजना में कब से फॉर्म भरने और अंतिम डेट का पता करके फॉर्म भर सकते है।

  • इच्छुक उम्मीदवार को सादे कागज पर अपना पूरा विवरण (जैसे नाम, पता, उम्र, शैक्षिक योग्यता आदि) लिखकर आवेदन करना होगा।
  • यह आवेदन जिला उद्योग एवं वाणिज्य केंद्र के महाप्रबंधक को जमा करना होता है।

योजना से जुड़े लाभ

  • स्वरोजगार के अवसर:
    इस योजना से प्रशिक्षित दस्तकार अपने व्यवसाय की शुरुआत कर सकते हैं और आत्मनिर्भर बन सकते हैं।
  • आर्थिक सहायता:
    स्टाइपेंड और टूल किट्स के माध्यम से युवाओं को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
  • तकनीकी विकास:
    नवीनतम तकनीक आधारित प्रशिक्षण से चर्म उद्योग के उत्पादों की गुणवत्ता और डिजाइनों में सुधार होता है।
  • विभिन्न वर्गों को लाभ:
    यह योजना समाज के सभी वर्गों के लिए खुली है, जिससे सामाजिक समरसता को बढ़ावा मिलता है।

राजस्थान सरकार इस योजना के माध्यम से न केवल चर्म उद्योग को बढ़ावा देना चाहती है, बल्कि युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित भी कर रही है। यह योजना दस्तकारों के लिए एक नई रोशनी लेकर आई है, जो उन्हें अपने हुनर को निखारने और आर्थिक रूप से सशक्त बनने का अवसर देती है।

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