प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही एक बेहद उपयोगी योजना है, जिसका उद्देश्य देश के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना खासतौर पर उन लोगों के लिए शुरू की गई है जो अपने हाथों से कोई काम करते हैं, जैसे बढ़ई, लोहार, सोनार, राजमिस्त्री, दर्जी, मोची, कुम्हार आदि। केंद्र सरकार ने इस योजना की शुरुआत 17 सितंबर 2023 को विश्वकर्मा जयंती के दिन की थी।
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प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत कारीगरों को व्यवसाय शुरू करने और उसमें आगे बढ़ने के लिए सरकार की तरफ से मदद दी जाती है। इसके अलावा उन्हें ट्रेनिंग भी दी जाती है ताकि वे अपने काम में और बेहतर बन सकें और ज्यादा कमाई कर सकें।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत कितना लोन मिलता है?
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना में कारीगरों को दो बार में लोन मिलता है। पहली बार जब कोई कारीगर अपने काम की शुरुआत करना चाहता है, तब उसे ₹1 लाख रुपये तक का लोन दिया जाता है। यह लोन व्यवसाय शुरू करने में काम आता है। इसके बाद जब वह अपने काम को और बढ़ाना चाहता है, तब सरकार उसे दूसरी बार ₹2 लाख रुपये का लोन देती है। इस तरह से प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत कुल ₹3 लाख रुपये का लोन मिलता है।
यह लोन बहुत आसान शर्तों पर मिलता है और इसकी ब्याज दर भी सिर्फ 5 प्रतिशत होती है, जो कि बहुत ही कम है। यानी कारीगरों को ज्यादा बोझ नहीं उठाना पड़ता और वे आसानी से अपना कारोबार शुरू और बढ़ा सकते हैं।
ट्रेनिंग और स्टाइपेंड की भी सुविधा
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की एक और खास बात यह है कि इसमें केवल लोन ही नहीं, बल्कि ट्रेनिंग भी दी जाती है। सरकार लाभार्थियों को 15 दिनों की विशेष स्किल ट्रेनिंग देती है, जिसमें उन्हें उनके काम को और बेहतर तरीके से करने के तरीके सिखाए जाते हैं।
ट्रेनिंग के दौरान हर दिन ₹500 का स्टाइपेंड भी दिया जाता है। यानी सरकार न सिर्फ उन्हें सिखा रही है बल्कि उन्हें पैसे भी दे रही है ताकि वे उस समय कोई और काम छोड़ने पर नुकसान महसूस न करें। यह सुविधा खासतौर पर गरीब वर्ग के लिए बहुत मददगार साबित हो रही है।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना में आवेदन कैसे करें?
अगर कोई व्यक्ति प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का लाभ लेना चाहता है तो उसे अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) जाना होगा। वहां मौजूद कर्मचारी आपकी पात्रता जांचेंगे और दस्तावेजों को वेरीफाई करेंगे। अगर आपके पास सारे दस्तावेज सही हैं और आप इस योजना के लिए पात्र हैं, तो कर्मचारी आपकी तरफ से योजना में ऑनलाइन आवेदन कर देंगे।
आपको आधार कार्ड, पहचान पत्र, बैंक खाता विवरण, मोबाइल नंबर, राशन कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, व्यवसाय प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज देने होंगे। इसके बिना आपका आवेदन पूरा नहीं माना जाएगा।
योजना का उद्देश्य और लाभ
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का मुख्य उद्देश्य देश के पारंपरिक कारीगरों को आत्मनिर्भर बनाना है। सरकार चाहती है कि ये लोग किसी और पर निर्भर न रहें, बल्कि खुद का रोजगार करें और अपने परिवार को बेहतर जीवन दे सकें। पहले अक्सर कारीगरों को लोन नहीं मिल पाता था, क्योंकि उनके पास कोई गारंटी या बैंक की जानकारी नहीं होती थी। लेकिन इस योजना ने उस समस्या को हल कर दिया है।
अब कोई भी मेहनती व्यक्ति जो हाथ से कोई काम करता है, वो सरकार से मदद लेकर आगे बढ़ सकता है। इस योजना के जरिए सरकार न केवल रोजगार बढ़ा रही है बल्कि पुराने हुनर को भी जिंदा रख रही है, जो हमारी परंपरा और संस्कृति का हिस्सा हैं।
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मै पिछले 5 सालों से ब्लॉगिंग कर रही हूँ , मैं कंप्यूटर साइंस में मास्टर्स हूँ और मेरा मकसद जटिल जानकारी को आसान भाषा में समझाना है , ताकि हर कोई उसे आसानी से समझ सके। खास तौर पर सरकारी योजनाओं, सरकारी नौकरी पर लिखती हु ,जिससे लोगों को मदद मिल सके।