राजस्थान सरकार ने राज्य के किसानों को आर्थिक राहत देने के लिए एक बेहद सराहनीय कदम उठाया है। “एक मुस्त समझौता योजना 2025” के नाम से शुरू की गई एक मुस्त समझौता योजना राजस्थान के तहत भूमि विकास बैंकों से लोन लेने वाले डिफॉल्टर किसानों को विशेष छूट दी जाएगी।
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एक मुस्त समझौता योजना राजस्थान मुख्य रूप से उन किसानों के लिए है जो किसी कारणवश अपना लोन समय पर नहीं चुका पाए हैं और अब ब्याज तथा वसूली खर्च के बोझ से दबे हुए हैं। कई बार फसल खराब हो जाने या प्राकृतिक आपदा की वजह से किसान समय पर कर्ज नहीं चुका पाते। ऐसे में यह योजना उन्हें दोबारा आर्थिक रूप से खड़ा होने का अवसर देती है।
एक मुस्त समझौता योजना राजस्थान 2025 मुख्य जानकारी
योजना का नाम | एक मुस्त समझौता योजना राजस्थान 2025 |
लाभार्थी | भूमि विकास बैंक से लोन लेने वाले डिफॉल्टर किसान |
मुख्य लाभ | 100% ब्याज माफी, 100% वसूली खर्च माफी, 5% अनुदान, भूमि वापसी का अवसर |
मूलधन भुगतान समय सीमा | 25% मूलधन – 30 जून 2025 तक शेष 75% – 30 सितंबर 2025 तक |
योग्यता | ऋण 1 जुलाई 2024 तक डिफॉल्ट होना चाहिए (एक भी किश्त न जमा हो) |
लाभ पाने की प्रक्रिया | जन आधार व मोबाइल नंबर के साथ बैंक में संपर्क कर फॉर्म भरना |
एक मुस्त समझौता योजना राजस्थान 2025
एक मुस्त समझौता योजना राजस्थान सरकार द्वारा चलाई गई एक विशेष योजना है, जो भूमि विकास बैंक से ऋण लेने वाले किसानों को राहत प्रदान करती है। इस योजना के अंतर्गत किसान अगर अपना मूलधन बैंक में जमा करवाते हैं तो उन्हें ब्याज की पूरी छूट दी जाती है। यानी उन्हें केवल मूल राशि ही चुकानी होगी और पूरा ब्याज सरकार वहन करेगी। इसके साथ ही दंडात्मक ब्याज और वसूली खर्च भी पूरी तरह से माफ कर दिए जाएंगे।
एक मुस्त समझौता योजना राजस्थान का लाभ कैसे मिलेगा?
राजस्थान एक मुस्त समझौता योजना का लाभ लेने के लिए किसान को सबसे पहले अपने संबंधित भूमि विकास बैंक में संपर्क करना होगा। उन्हें अपना जन आधार और मोबाइल नंबर बैंक में देना होगा ताकि उनकी पहचान की पुष्टि की जा सके। इसके बाद उन्हें एक निर्धारित फॉर्म भरकर बैंक में जमा करवाना होगा।

जब किसान अपनी मूलधन राशि जमा कर देगा, तो उसे ब्याज में सौ प्रतिशत छूट प्रदान की जाएगी। राजस्थान एक मुस्त समझौता योजना का लाभ उठाने के लिए किसान को अपने लोन की कुल राशि का 25 प्रतिशत भाग 30 जून 2025 तक जमा करवाना होगा। शेष राशि वह 30 सितम्बर 2025 तक जमा कर सकता है। ऐसा करने पर पूरा ब्याज माफ किया जाएगा।
राजस्थान एक मुस्त समझौता योजना के पात्र किसान
- यह योजना केवल उन्हीं किसानों के लिए है जिन्होंने भूमि विकास बैंक से ऋण लिया है और जिनका लोन 1 जुलाई 2024 तक डिफॉल्ट हो चुका है। यानी जिन्होंने अभी तक एक भी किश्त जमा नहीं की है।
- ऐसे किसान जो किसी कारणवश लोन नहीं चुका पाए और डिफॉल्टर बन गए हैं, वे इस योजना का लाभ ले सकते हैं।
- इसके साथ ही जिन किसानों की जमीन पहले नीलामी के समय बैंक ने खरीद ली थी, उन्हें भी यह योजना राहत दे सकती है। यदि वे अपना मूलधन जमा करते हैं तो उनकी जमीन उन्हें वापस दी जा सकती है।
योजना में सरकार की भागीदारी
राज्य सरकार राजस्थान एक मुस्त समझौता योजना पर कुल 200 करोड़ रुपये खर्च करेगी। सरकार यह पूरा खर्च ब्याज और वसूली खर्च के भुगतान के लिए करेगी। इसके अलावा मृतक किसानों के वारिस भी इस राजस्थान एक मुस्त समझौता योजना का लाभ ले सकते हैं। अगर किसी किसान की मृत्यु हो चुकी है और उसने भूमि विकास बैंक से लोन लिया था, तो उसके उत्तराधिकारी भी इस योजना का लाभ ले सकते हैं।
एक मुस्त समझौता योजना राजस्थान की 36 प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों में लागू की गई है। अनुमानित रूप से राज्य के 3000 से अधिक पात्र किसान और लघु उद्यमी इस योजना से लाभान्वित होंगे। सभी पात्र किसानों को इस योजना से जुड़ने के लिए अपने निकटतम बैंक शाखा में संपर्क करना होगा।