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राजस्थान सरकार ने इस बार कालीबाई भील निशुल्क स्कूटी वितरण योजना और देवनारायण स्कूटी योजना के तहत पात्र छात्राओं को स्कूटी वितरित करने के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। ई-वाउचर की प्रक्रिया को समाप्त कर, अब आयुक्तालय स्कूटी की राशि सीधे एजेंसी के खाते में ट्रांसफर करेगा। इससे वितरण प्रक्रिया तेज और पारदर्शी होगी।

निशुल्क स्कूटी वितरण योजना
निशुल्क स्कूटी वितरण योजना

ई-वाउचर नियम हटाकर सीधी राशि ट्रांसफर

कालीबाई भील और देवनारायण स्कूटी वितरण योजना 2023-24: राजस्थान सरकार ने राज्य की मेधावी और आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से कालीबाई भील निशुल्क स्कूटी योजना और देवनारायण स्कूटी योजना के तहत नियमों में बड़ा सुधार किया है। इस वर्ष से ई-वाउचर प्रक्रिया समाप्त कर दी गई है, और अब स्कूटी की राशि सीधे संबंधित एजेंसी के खाते में ट्रांसफर की जाएगी। इस बदलाव से वितरण प्रक्रिया न केवल तेज होगी बल्कि अधिक पारदर्शी भी बनेगी, जिससे छात्राओं को समय पर लाभ मिल सकेगा।

राजस्थान स्कूटी वितरण योजना का उद्देश्य

  • राजस्थान की छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करना।
  • आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की मेधावी बेटियों को मदद देना।

कालीबाई भील निशुल्क स्कूटी योजना और देवनारायण स्कूटी योजना की पात्रता

  • राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से 12वीं कक्षा में 65% या उससे अधिक अंक।
  • सीबीएसई बोर्ड से 12वीं कक्षा में 75% या उससे अधिक अंक।
  • वार्षिक आय ₹2.5 लाख से कम होनी चाहिए।
  • अभिभावक की वार्षिक आय ₹2.5 लाख से कम होनी चाहिए।
  • छात्रा का राजस्थान का मूल निवासी होना अनिवार्य है।

इन योग्यता शर्तों को पूरा करने वाली छात्राओं को इस योजना के तहत स्कूटी दी जाती है।

ई-वाउचर नियम हटने से लाभ

पहले ई-वाउचर के कारण प्रक्रिया में कई बार देरी हो जाती थी, जिससे छात्राओं को समय पर स्कूटी नहीं मिल पाती थी। उदाहरण के तौर पर, पिछले साल 256 पात्र छात्राओं में से 86 छात्राएं स्कूटी से वंचित रह गई थीं। लेकिन अब इस नई प्रक्रिया से ऐसी समस्याओं का समाधान होगा।

इस बार 2023-24 के सत्र में पात्र 455 छात्राओं की सूची पहले ही जारी कर दी गई है। इसके बाद आयुक्तालय सीधे संबंधित एजेंसी के खाते में राशि ट्रांसफर करेगा। यह सुनिश्चित करेगा कि छात्राओं को समय पर स्कूटी मिले और किसी भी प्रकार की प्रशासनिक देरी से बचा जा सके।

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