मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों की आमदनी बढ़ाने और देशी पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए डॉ. भीमराव आंबेडकर कामधेनु योजना 2025 की शुरुआत की है। इस योजना का मकसद सिर्फ आर्थिक सहायता देना नहीं, बल्कि किसानों को आत्मनिर्भर बनाना और राज्य में जैविक तथा प्राकृतिक खेती को मजबूत करना है। खास बात यह है कि अब योजना के तहत एक यूनिट में सिर्फ एक ही नस्ल के पशु पालने होंगे, यानी मिश्रित नस्लें रखने की अनुमति नहीं होगी।
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डॉ. भीमराव आंबेडकर कामधेनु योजना 2025 मुख्य जानकारी
योजना का नाम | डॉ. भीमराव आंबेडकर कामधेनु योजना 2025 |
उद्देश्य | किसानों की आमदनी बढ़ाना, देशी पशुपालन को बढ़ावा देना और आत्मनिर्भर बनाना |
योजना की गाइडलाइन्स | एक यूनिट में कम से कम 25 दुधारू पशु होने चाहिए। एक ही नस्ल के पशु पालने होंगे। |
यूनिट की लागत | देशी गाय यूनिट: ₹36 लाख संकर गाय/भैंस यूनिट: ₹42 लाख |
सब्सिडी | SC/ST वर्ग: 33% – अन्य वर्ग: 25% |
ब्याजमुक्त लोन | 3 साल तक बिना ब्याज का लोन कुल भुगतान की समयसीमा 7 साल |
लोन चुकाने की अवधि | 7 साल में लोन चुकाना होगा, लेकिन 3 साल से पहले भी चुकाया जा सकता है। |
पात्रता | प्रत्येक किसान अधिकतम 8 यूनिट का लाभ ले सकता है। प्रत्येक यूनिट के लिए 3.50 एकड़ जमीन अनिवार्य है। |
प्राथमिकता | पहले आवेदन करने वाले को पहले मौका मिलेगा। दुग्ध सहकारी समितियों में दूध बेचने वाले किसानों को प्राथमिकता। |
पात्रता और आवेदन की शर्तें | साझी जमीन पर लिखित सहमति जरूरी। सरकारी पशुपालन प्रशिक्षण आवश्यक, लेकिन UG/PG डिग्री वाले को छूट। |
डॉ. भीमराव आंबेडकर कामधेनु योजना
मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों की आमदनी बढ़ाने और देशी पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए डॉ. भीमराव आंबेडकर कामधेनु योजना 2025 की शुरुआत की है। इस योजना का मकसद सिर्फ आर्थिक सहायता देना नहीं है, बल्कि किसानों को आत्मनिर्भर बनाना और खेती के साथ-साथ पशुपालन को भी एक मजबूत आय का साधन बनाना है। सरकार चाहती है कि किसान परंपरागत खेती के साथ-साथ दूध उत्पादन से भी अपनी कमाई बढ़ाएं। यही वजह है कि योजना के तहत नई गाइडलाइंस लागू की गई हैं, जिनके अनुसार एक यूनिट में कम से कम 25 दुधारू पशु रखना जरूरी होगा और एक ही नस्ल के पशु पालने होंगे।
योजना के तहत किसानों को सरकार से सब्सिडी और 3 साल तक बिना ब्याज का लोन भी मिलेगा, जिससे वे आसानी से पशुपालन का काम शुरू कर सकें। इसके अलावा पात्र किसानों को 7 साल में लोन चुकाने की सुविधा भी दी जाएगी। खास बात यह है कि यह योजना सभी वर्गों के किसानों के लिए खुली है और आवेदन करने वालों को ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर लाभ मिलेगा।
डॉ. भीमराव आंबेडकर कामधेनु योजना की नई गाइडलाइंस
डॉ. भीमराव आंबेडकर कामधेनु योजना 2025 के तहत यूनिट बनाने के लिए कुछ नए नियम तय किए गए हैं।
- एक यूनिट में कम से कम 25 दुधारू पशु अनिवार्य होंगे।
- देशी गाय की यूनिट की लागत लगभग ₹36 लाख आएगी।
- संकर गाय या भैंस की यूनिट बनाने पर खर्च ₹42 लाख तक पहुंचेगा।
कामधेनु योजना में मान्य नस्लें और उनकी लागत
डॉ. भीमराव आंबेडकर कामधेनु योजना में कुछ खास नस्लों को ही शामिल किया गया है। अगर किसान देशी गाय पालना चाहते हैं, तो वे साहिवाल, गिर, थारपारकर और रेड सिंधी नस्लें चुन सकते हैं। वहीं, संकर गाय के लिए HF (होल्स्टीन फ्रिज़ियन) और जर्सी नस्लें मान्य हैं। भैंस पालने के इच्छुक किसानों के लिए योजना में मुर्रा, भदावरी, सूरती और मेहसाना नस्लों को जगह दी गई है।
अगर कोई किसान देशी गाय की यूनिट बनाता है, तो इसकी लागत करीब ₹36 लाख रुपये आती है। वहीं, संकर गाय या भैंस की यूनिट की लागत लगभग ₹42 लाख रुपये होती है। इन लागतों पर सरकार की तरफ से सब्सिडी और ब्याजमुक्त लोन की सुविधा भी दी जा रही है, जिससे किसान आसानी से अपना पशुपालन व्यवसाय शुरू कर सकते हैं।
सब्सिडी और लोन सुविधा
योजना में सब्सिडी और लोन की व्यवस्था भी आकर्षक है।
- SC/ST वर्ग को प्रति यूनिट 33% सब्सिडी मिलेगी।
- अन्य वर्गों के लिए 25% सब्सिडी तय की गई है।
- सरकार 3 साल तक बिना ब्याज लोन उपलब्ध कराएगी।
- कुल भुगतान की समयसीमा 7 साल रखी गई है।
- लाभार्थी चाहें तो लोन 3 साल से पहले भी चुका सकते हैं।
पात्रता और आवेदन की शर्तें
- योजना सभी वर्गों के किसानों के लिए खुली है।
- एक व्यक्ति अधिकतम 8 यूनिट का लाभ ले सकता है।
- हर यूनिट के लिए 3.50 एकड़ जमीन अनिवार्य है।
- सभी यूनिट की जमीनें एक ही तहसील में होनी चाहिए।
- साझा जमीन होने पर सभी मालिकों की लिखित सहमति जरूरी है।
प्राथमिकता किन्हें मिलेगी? (यह बातें आपको जाननी चाहिए)
- जो पहले आवेदन करेगा, उसे पहले मौका मिलेगा। यानी योजना का लाभ ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर दिया जाएगा।
- अगर आप दूध दुग्ध सहकारी समिति या संघ में बेचते हैं, तो आपको योजना में प्राथमिकता मिलेगी।
- पशुपालन का सरकारी प्रशिक्षण लेना जरूरी है। लेकिन अगर आपके पास UG या PG की डिग्री है, तो आपको प्रशिक्षण लेने से छूट मिल जाएगी।
- अगर आप पट्टे पर ली गई जमीन दिखा रहे हैं, तो उसके दस्तावेजों का पूरा सत्यापन कराना अनिवार्य होगा।
- जिन किसानों ने पहले फसल ऋण लिया है और उसका नवीनीकरण कराया है, उन्हें भूमि सत्यापन में छूट मिलेगी।