नंद बाबा दुग्ध मिशन: योगी सरकार उत्तर प्रदेश को दुग्ध उत्पादन में अग्रणी राज्य बनाने के लिए नंद बाबा दुग्ध मिशन (Nand Baba Dugdh Mission) चला रही है। इस मिशन का मकसद देसी गायों का संरक्षण, किसानों की आय में बढ़ोतरी और ग्रामीण स्तर पर दूध उत्पादन को बढ़ावा देना है।
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इसके तहत मिनी नंदिनी कृषक समृद्धि योजना शुरू की गई है। इस योजना में किसान अगर 10 देसी गायों की डेयरी शुरू करते हैं तो सरकार उन्हें 50% सब्सिडी यानी अधिकतम ₹11.80 लाख की आर्थिक सहायता देगी।
कितनी मिलेगी सब्सिडी?
इस योजना के तहत सरकार किसानों को कुल परियोजना लागत का आधा हिस्सा अनुदान के रूप में उपलब्ध कराती है। यदि कोई किसान दस देसी गायों की डेयरी शुरू करता है तो परियोजना की कुल लागत 23.60 लाख रुपये तय की गई है। इसमें से 50 प्रतिशत यानी 11.80 लाख रुपये अनुदान के रूप में दो चरणों में दिए जाएंगे। किसान को 15 प्रतिशत राशि खुद निवेश करनी होगी जबकि शेष 35 प्रतिशत बैंक लोन के रूप में उपलब्ध कराया जाएगा।
योजना के लिए पात्रता
इस योजना का लाभ पाने के लिए कुछ शर्तें तय की गई हैं:
- आवेदक स्थानीय निवासी होना चाहिए।
- आधार कार्ड जरूरी है।
- 3 साल का गाय/भैंस पालन अनुभव होना चाहिए।
- डेयरी के लिए कम से कम 8712 वर्ग फुट जमीन चाहिए।
- कम से कम 10 देसी नस्ल की गायें जैसे साहीवाल, गिर या थारपारकर जरूरी हैं।
- गाय का ईयर टैग और बीमा कराना अनिवार्य होगा।
कौन नहीं उठा सकता फायदा?
- पहले से कामधेनु योजना, मिनी/माइक्रो कामधेनु योजना, या नंदिनी कृषक समृद्धि योजना का लाभ ले चुके पशुपालक इस योजना के लिए पात्र नहीं होंगे।
आवेदन कैसे करें?
- आवेदन ऑनलाइन nandbabadugdhmission.up.gov.in पर करना होगा।
- साथ ही, आवेदन की हार्डकॉपी भी विभाग में जमा करनी होगी।
- आवेदनों की संख्या अधिक होने पर ई-लॉटरी प्रणाली से चयन होगा।
- चयनित लाभार्थी को अनुदान की राशि DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से बैंक खाते में मिलेगी।
आवेदन की अंतिम तारीख
नंद बाबा दुग्ध मिशन के अंतर्गत संचालित योजनाओं के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 23 अगस्त 2025 निर्धारित की गई है। मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ-संवर्धन योजना, मिनी नंदिनी कृषक समृद्धि योजना और नंदिनी कृषक समृद्धि योजना – इन सभी योजनाओं के लिए आवेदन इसी तारीख तक स्वीकार किए जाएंगे।
योजना से क्या होगा फायदा?
इस योजना का सबसे बड़ा उद्देश्य प्रदेश में उच्च उत्पादन क्षमता वाली देसी गायों का संरक्षण और संवर्धन करना है। इससे प्रदेश में दूध उत्पादन बढ़ेगा और किसानों की आमदनी में भी उल्लेखनीय वृद्धि होगी। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में डेयरी व्यवसाय और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।