प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने एक नई कृषि योजना को मंजूरी दी है, जिसका नाम है प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना। यह योजना देश के 100 ज़िलों में 2025-26 से लागू की जाएगी, जिसका मकसद किसानों की आय बढ़ाना, खेती को टिकाऊ बनाना और गांवों को आत्मनिर्भर करना है।
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क्या है प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना 2025? | Pradhanmantri Dhan Dhanya Yojan 2025
यह योजना कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों को मजबूत करने के लिए बनाई गई है। इसका फोकस खेती में आधुनिक तरीके लाना, फसलें बदल-बदल कर उगाना, भंडारण की सुविधा बढ़ाना, सिंचाई सुधारना और किसानों को आसानी से लोन उपलब्ध कराना है।
किस ज़िले को मिलेगा मौका?
देश के उन 100 ज़िलों को प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना में शामिल किया जाएगा जहाँ खेती में सुधार की ज़रूरत है। चयन ऐसे जिलों का होगा जहाँ उत्पादकता कम है, फसलें कम बार होती हैं और किसानों को लोन आसानी से नहीं मिल पाता। हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश से कम से कम एक ज़िले को जरूर चुना जाएगा। यह चयन मुख्य रूप से उस राज्य के खेती योग्य क्षेत्र और किसानों की संख्या के आधार पर होगा।
कैसे काम करेगी यह योजना?
योजना को लागू करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की 36 योजनाओं को एक साथ जोड़ा जाएगा। इसके अलावा निजी कंपनियों और स्थानीय संस्थाओं को भी इसमें भागीदार बनाया जाएगा। हर ज़िले में एक “धन-धान्य समिति” बनेगी, जिसमें प्रगतिशील किसान भी शामिल होंगे। यही समिति यह तय करेगी कि ज़िले में किस तरह की खेती, भंडारण और सिंचाई योजनाएं लागू होंगी।
क्या होगा किसानों को फायदा?
इस योजना से किसानों को कई स्तर पर फायदा होगा:
- खेती की उत्पादकता में सुधार होगा
- किसानों को बेहतर लोन और भंडारण सुविधा मिलेगी
- प्राकृतिक और जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा
- नई तकनीक और संसाधनों का उपयोग बढ़ेगा
- स्थानीय स्तर पर रोजगार के मौके बनेंगे