डॉ. भीमराव अंबेडकर राजस्थान दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना: राजस्थान सरकार द्वारा 2022 में शुरू की गई इस योजना के द्वारा राजस्थान के दलित और आदिवासी लोगों को उद्यम शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है तथा डॉ. भीमराव अंबेडकर राजस्थान दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना द्वारा एससी एसटी वर्ग के लोगों को उद्योग स्थापित करने के लिए Loan उपलब्ध करवाया जा रहा है।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है कि आजकल लोग गांव को छोड़कर शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं इसी पलायन को रोकने के लिए इस योजना का शुरू किया गया है एवं वंचित वर्गों, विशेषकर अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगो को आत्मनिर्भर बनाना जिसके द्वारा आदिवासी एवं एसटी वर्ग के लोग गांव में ही अपना रोजगार शुरू कर सके।
डॉ. भीमराव अंबेडकर राजस्थान दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना | Rajasthan Dalit Adivasi Udyam Protsahan Yojana
योजना के लिए ₹100 करोड़ का बजट निर्धारित किया गया है। इसके तहत लाभार्थियों को उद्योग स्थापित करने के लिए ₹25 लाख तक की सब्सिडी प्रदान की जाएगी। साथ ही, लोन पर 6% से 9% तक की ब्याज दर रखी गई है, जो लोन राशि के आधार पर तय होगी। यह अनुदान डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से लाभार्थी के बैंक खाते में जमा किया जाएगा। ऋण की वापसी के लिए 7 वर्षों का कार्यकाल निर्धारित किया गया है, जिससे युवा उद्यमी आसानी से अपना व्यवसाय स्थापित कर आत्मनिर्भर बन सकें।
योजना का नाम | डॉ. भीमराव अंबेडकर राजस्थान दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना |
शुरुवात | 23 फरवरी 2022 |
बजट | ₹100 करोड़ |
लाभार्थी | राजस्थान के दलित और आदिवासी समुदाय के युवा |
अनुदान राशि | उद्योग स्थापित करने पर ₹25 लाख तक की सब्सिडी। |
लोन पर ब्याज दर | 6% से 9% तक (लोन राशि के अनुसार)। |
अनुदान का प्रकार | DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से लाभार्थी के खाते में जमा। |
डॉ. भीमराव अंबेडकर राजस्थान दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना का उद्देश्य
- डॉ. भीमराव अंबेडकर राजस्थान दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना का मुख्य उद्देश्य राजस्थान अनुसूचित जाति और जनजाति के युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ना है।
- अनुसूचित जाति और जनजाति वर्गों की औद्योगिक क्षेत्रों में भागीदारी बढ़ाना।
- नए उद्योगों की स्थापना के माध्यम से रोजगार उत्पन्न करना और बेरोजगारी को कम करना।
- आर्थिक सहायता प्रदान कर दलित और आदिवासी समुदायों को आत्मनिर्भर बनाना।
पात्रता की शर्तें
- अनुसूचित जाति/जनजाति के लोग: आवेदक राजस्थान का मूल निवासी होना चाहिए।
- उम्र सीमा: आवेदन के समय आवेदक की उम्र 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए।
- राजकीय सेवा: आवेदक किसी भी सरकारी सेवा में कार्यरत नहीं होना चाहिए।
- उद्योग स्वामित्व: आवेदक के उद्योग में 51% या उससे अधिक स्वामित्व होना अनिवार्य है।
- डिफॉल्ट स्थिति: आवेदक किसी बैंक या वित्तीय संस्थान में डिफॉल्टर नहीं होना चाहिए।
- मानसिक और आर्थिक स्थिति: आवेदक मानसिक रूप से स्वस्थ हो और दिवालिया घोषित न हो।
आवश्यक दस्तावेज
- आधार कार्ड
- मूल निवास प्रमाण पत्र
- कास्ट सर्टिफिकेट
- पेन कार्ड
- आय प्रमाण पत्र
- बैंक पासबुक
- बीपीएल कार्ड (यदि लागू हो)
- पासपोर्ट साइज फोटो
- मोबाइल नंबर
- जन आधार कार्ड
योजना के तहत परियोजना लागत आकार और ब्याज सब्सिडी
परियोजना लागत और आकार
निर्माण इकाइयों के लिए अधिकतम लागत ₹10 करोड़ रखी गई है, जबकि सेवा इकाइयों के लिए यह सीमा ₹5 करोड़ तक है। व्यापार इकाइयों के लिए परियोजना लागत की अधिकतम सीमा ₹1 करोड़ निर्धारित की गई है। यह कदम राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देने और निवेश को आकर्षित करने के उद्देश्य से उठाया गया है, ताकि विभिन्न क्षेत्रों में व्यवसायों का विकास हो सके और रोजगार के अवसर पैदा किए जा सकें।
- निर्माण इकाई: अधिकतम लागत ₹10 करोड़।
- सेवा इकाई: अधिकतम लागत ₹5 करोड़।
- व्यापार इकाई: अधिकतम लागत ₹1 करोड़।
ब्याज सब्सिडी
- ₹25 लाख तक के ऋण पर 9% ब्याज सब्सिडी।
- ₹5 करोड़ तक के ऋण पर 7% ब्याज सब्सिडी।
- ₹10 करोड़ तक के ऋण पर 6% ब्याज सब्सिडी।
डॉ. भीमराव अंबेडकर राजस्थान दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना का लाभ
- न्यूनतम निवेश सीमा घटाना: अब निवेशकों को पहले से कम राशि के निवेश से उद्योग शुरू करने का अवसर मिलेगा। निवेश सीमा को 50% तक घटा दिया गया है, जिससे छोटे और मझले उद्योगों को भी फायदा होगा।
- 100% SGST प्रतिपूर्ति: योजना के तहत, राज्य सरकार ने 7 वर्षों तक 100% SGST प्रतिपूर्ति का प्रावधान किया है, जिससे उद्योगों के लिए वित्तीय सहायता मिलेगी।
- भूमि रूपांतरण शुल्क में छूट: निवेशकों को भूमि रूपांतरण शुल्क में 100% छूट दी जाएगी, जिससे उनकी लागत में भारी कमी आएगी।
- औद्योगिक भूमि आवंटन: SC/ST उद्यमियों को आरक्षित दरों पर भूमि आवंटित की जाएगी, ताकि वे अपना उद्योग स्थापित कर सकें। इसके अलावा, भूमि के आकार को 2000 वर्ग मीटर से बढ़ाकर 4000 वर्ग मीटर कर दिया गया है और भूमि आवंटन की आरक्षित सीमा 5% से बढ़ाकर 6% कर दी गई है।
- ब्याज सहायता: ऋण के लिए ब्याज पर सब्सिडी का भी प्रावधान किया गया है, जिससे उद्यमियों को आसानी से वित्तीय सहायता मिल सके।
न्यूनतम निवेश सीमा | निवेश सीमा 50% तक घटाई गई |
SGST प्रतिपूर्ति | 7 वर्षों तक 100% SGST प्रतिपूर्ति |
भूमि रूपांतरण शुल्क में छूट | 100% छूट |
औद्योगिक भूमि आवंटन | SC/ST उद्यमियों को आरक्षित दरों पर भूमि आवंटन |
भूमि का आकार | 2000 वर्ग मीटर से बढ़ाकर 4000 वर्ग मीटर किया गया |
भूमि आवंटन आरक्षित सीमा | 5% से बढ़ाकर 6% की गई |
ब्याज सब्सिडी | ₹25 लाख तक: 9%, ₹5 करोड़ तक: 7%, ₹10 करोड़ तक: 6% ब्याज सब्सिडी |
राजधानी सब्सिडी | 15% पूंजी सब्सिडी (अधिकतम ₹2 करोड़) |
अनुदान सब्सिडी | 200% तक अनुदान सीमा |
CGTMSE गारंटी शुल्क | राज्य सरकार द्वारा गारंटी शुल्क वहन किया जाएगा |
मार्जिन मनी ग्रांट | परियोजना लागत का 25% या ₹25 लाख (जो कम हो) |
डॉ. भीमराव अंबेडकर राजस्थान दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना की आवेदन प्रक्रिया
इस योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन है। इच्छुक लाभार्थी अपने नजदीकी ई-मित्र केंद्र पर जाकर या अपनी एसएसओ आईडी (SSO ID) का उपयोग करके घर बैठे भी आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा, जिला उद्योग केंद्र (DIC) के माध्यम से भी आवेदन किया जा सकता है
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डॉ. भीमराव अंबेडकर राजस्थान दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना: प्रमुख प्रश्न (FAQ)
इस योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस योजना का उद्देश्य राजस्थान के दलित और आदिवासी युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है।
इस योजना में कितनी सब्सिडी उपलब्ध है?
इस योजना के तहत उद्योग स्थापित करने के लिए ₹25 लाख तक की सब्सिडी उपलब्ध है।
कौन इस योजना का लाभ उठा सकता है?
अनुसूचित जाति/जनजाति के राजस्थान के मूल निवासी, जिनकी उम्र 18 वर्ष या उससे अधिक हो, इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
ऋण पर ब्याज दर क्या है?
₹25 लाख तक के ऋण पर 9% ब्याज सब्सिडी, ₹5 करोड़ तक के ऋण पर 7% और ₹10 करोड़ तक के ऋण पर 6% ब्याज सब्सिडी दी जाती है।
आवेदन कैसे करें?
इच्छुक लाभार्थी ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं, या नजदीकी ई-मित्र केंद्र से भी आवेदन कर सकते हैं।
मै पिछले 5 सालों से ब्लॉगिंग कर रही हूँ , मैं कंप्यूटर साइंस में मास्टर्स हूँ और मेरा मकसद जटिल जानकारी को आसान भाषा में समझाना है , ताकि हर कोई उसे आसानी से समझ सके। खास तौर पर सरकारी योजनाओं, सरकारी नौकरी पर लिखती हु ,जिससे लोगों को मदद मिल सके।