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कृषि यंत्र अनुदान योजना राजस्थान : यह योजना राजस्थान सरकार द्वारा शुरु की गयी है जिसमे किसानो को कृषि में काम आने वाले उपकरणों पर अनुदान मिलता है आज कल खेती को आसन बनाने के लिए ट्रेक्टर के साथ-साथ अन्य उपकरणों का भी उपयोग किया जाता है, इससे न सिर्फ खेती के काम में समय की बचत होती है, बल्कि मेहनत भी कम लगती है। कृषि यंत्र योजना के अंतर्गत किसानों को उन्नत यंत्रों पर 40 से 50 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जाता है, जिससे वे आसानी से यंत्र खरीद सकें और अपनी खेती को उन्नत बना सकें।

Contents

Krishi Yantra Anudan Yojana Rajasthan
Krishi Yantra Anudan Yojana Rajasthan

कृषि यंत्र अनुदान योजना राजस्थान 2024 | Krishi Yantra Anudan Yojana Rajasthan 2024

कृषि यंत्र योजना राजस्थान में आवेदन करने के लिए किसान के पास स्वयं के नाम से कृषि भूमि होनी चाहिए, या यदि आवेदक अविभाजित परिवार में है, तो राजस्व रिकॉर्ड में उसका नाम दर्ज होना आवश्यक है। यदि आवेदक ट्रेक्टर चलित कृषि यंत्र के लिए अनुदान चाहता है, तो ट्रेक्टर का पंजीकरण आवेदक के नाम से होना अनिवार्य है।

कृषि यंत्र अनुदान योजना राजस्थान के तहत, एक कृषक को तीन वर्षों में एक ही प्रकार के यंत्र पर केवल एक बार ही अनुदान दिया जाता है। इसके साथ ही, एक वित्तीय वर्ष में एक किसान को केवल एक कृषि यंत्र पर ही अनुदान प्राप्त हो सकता है।

आवेदन प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाने के लिए, राजकिसान पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों का रैण्डमाईजेशन (Randomization) किया जाएगा, और इसके बाद ऑनलाइन वरीयता क्रम के आधार पर निस्तारण होगा, जिससे सभी किसानों को समान अवसर मिल सके।

योजना का नाम कृषि यंत्र अनुदान योजना राजस्थान
योजना का उद्देश्यउन्नत कृषि यंत्रों से समय और श्रम की बचत करना।
योजना के तहत लाभकृषि यंत्रो पर अनुदान
लाभार्थीराजस्थान के किसान
सहायता राशिअनुमोदित यंत्रों पर 40-50% तक अनुदान
सम्बंधित विभागराजस्थान सरकार का कृषि विभाग

कृषि यंत्र अनुदान योजना राजस्थान का उद्देश्य

कृषि यंत्र अनुदान योजना का मुख्य उद्देश्य सरकार द्वारा किसानों को आधुनिक कृषि यंत्र के उपयोग को बढ़ाना है जिससे राजस्थान के किसान कम समय में अधिक और बेहतर उत्पादन कर सकें। इससे न सिर्फ उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि कृषि क्षेत्र में भी उन्नति होगी।

अनुदान (Subsidy) का लाभ

योजना के तहत किसानों को अनुमोदित यंत्र खरीदने पर 40 से 50 प्रतिशत तक का अनुदान मिलता है। यह अनुदान किसानों की श्रेणी के अनुसार भिन्न हो सकता है:

  • SC/ST, लघु, सीमान्त एवं महिला कृषक: 50% या अधिकतम ₹15,000 से ₹1,00,000 तक।
  • अन्य श्रेणी के कृषक: 40% या अधिकतम ₹12,000 से ₹80,000 तक।
कृषि यंत्र अनुदान योजना राजस्थान
कृषि यंत्र अनुदान योजना राजस्थान

कृषि यंत्र अनुदान योजना राजस्थान की पात्रता

कृषि यंत्र अनुदान योजना राजस्थान का लाभ लेने के लिए कुछ शर्तें हैं:

  • किसान के पास खुद के नाम से कृषि भूमि होनी चाहिए।
  • ट्रैक्टर चलित यंत्रों के लिए किसान के नाम से ट्रैक्टर का पंजीयन (registration) होना अनिवार्य है।
  • एक किसान को एक वित्तीय वर्ष में केवल एक ही यंत्र पर अनुदान मिलेगा।
  • पिछले 3 वर्षों में एक ही प्रकार के कृषि यंत्र पर पुनः अनुदान नहीं मिलेगा।

कृषि यंत्र अनुदान योजना राजस्थान के तहत उपलब्ध यंत्र

कृषि यंत्र योजना राजस्थान में SC/ST, लघु, सीमांत और महिला कृषकों को 50% तक अनुदान मिलता है, जबकि अन्य कृषकों को 40% तक का अनुदान मिलता है। उदाहरण के लिए, सीड ड्रिल/सीड कम फर्टीलाइजर ड्रिल के लिए SC/ST और महिला कृषकों को ₹15,000 से ₹28,000 तक का अनुदान मिलता है, जबकि अन्य कृषकों को ₹12,000 से ₹22,400 तक। इसी तरह, डिस्क प्लाऊ/डिस्क हैरो पर SC/ST और महिला कृषकों को ₹20,000 से ₹50,000 तक और अन्य कृषकों को ₹16,000 से ₹40,000 तक का अनुदान दिया जाता है।

कृषि यंत्र अनुदान योजना राजस्थान

रोटोवेटर पर SC/ST और महिला कृषकों को ₹42,000 से ₹50,400 तक का अनुदान मिल सकता है, जबकि अन्य श्रेणी के कृषकों को ₹34,000 से ₹40,300 तक का अनुदान मिलता है।

मल्टी क्रॉप थ्रेसर पर अधिकतम ₹30,000 से लेकर ₹1,00,000 तक का अनुदान SC/ST और महिला कृषकों को मिल सकता है, जबकि अन्य कृषकों को ₹25,000 से ₹80,000 तक का लाभ मिलता है।

इसी प्रकार रिज फरो प्लांटर/मल्टी क्रॉप प्लांटर और चिजल प्लाऊ पर भी अनुदान की दरें अलग-अलग हैं, जिससे सभी किसान अपने कृषि कार्यों में आधुनिक यंत्रों का उपयोग कर सकते हैं और बेहतर उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।

यंत्र का नामSC/ST/लघु/सीमान्त/महिला कृषकअन्य कृषक
सीड ड्रिल/सीड कम फर्टीलाइजर ड्रिल₹15,000-28,000 (50%)₹12,000-22,400 (40%)
डिस्क प्लाऊ/डिस्क हैरो₹20,000-50,000 (50%)₹16,000-40,000 (40%)
रोटोवेटर₹42,000-50,400 (50%)₹34,000-40,300 (40%)
मल्टी क्रॉप थ्रेसर₹30,000-1,00,000 (50%)₹25,000-80,000 (40%)
रिज फरो प्लांटर/ मल्टी क्रॉप प्लांटर₹30,000-75,000 (50%)₹24,000-60,000 (40%)
चिजल प्लाऊ₹10,000-20,000 (50%)₹8,000-16,000 (40%)

Krishi Yantra Anudan Yojana Rajasthan-आवश्यक दस्तावेज

  • SSO ID- स्वयं आवेदन करने पर
  • आधार कार्ड
  • जन आधार कार्ड
  • ट्रैक्टर का पंजीयन प्रमाण पत्र (यदि ट्रैक्टर चलित यंत्र के लिए आवेदन कर रहे हैं)
  • जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
  • बैंक पासबुक की प्रति
  • भूमि की जमाबंदी (छह महीने से पुरानी नहीं होनी चाहिए

Krishi Yantra Anudan Yojana Rajasthan –आवेदन प्रक्रिया

कृषि यंत्र अनुदान योजना राजस्थान के लिए आवेदन प्रक्रिया बेहद सरल है। किसान खुद राज किसान साथी पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं, या फिर नजदीकी ई-मित्र केंद्र पर जाकर आवेदन जमा कर सकते हैं। ई-मित्र केंद्र से आवेदन कराने के बाद प्राप्ति रसीद जरुर ले जिससे योजना के स्टेटस को देखा जा सके।

Krishi Yantra Anudan Yojana Rajasthan-चयन प्रक्रिया

किसान राजकिसान पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं। सभी आवेदनों का चयन रैंडमाइजेशन के जरिए किया जाएगा, जिसमें ऑनलाइन वरीयता के हिसाब से चयन किया जाएगा।

महत्वपूर्ण बातें

  • यंत्रों की खरीद कृषि विभाग से प्रशासनिक स्वीकृति मिलने के बाद ही की जा सकती है। स्वीकृति मिलने के बाद, किसान राज्य के किसी भी जिले में पंजीकृत निर्माता या विक्रेता से यंत्र खरीद सकते हैं, जो राजकिसान साथी पोर्टल पर सूचीबद्ध हों।
  • उपरोक्त अनुदान का भुगतान यंत्र की बीएचपी क्षमता पर आधारित है।
  • यंत्र का भौतिक सत्यापन कृषि पर्यवेक्षक या सहायक कृषि अधिकारी द्वारा किया जाएगा। सत्यापन के दौरान खरीद बिल प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। अनुदान का भुगतान सीधे किसान के बैंक खाते में ऑनलाइन किया जाएगा।
  • सभी अन्य अनुमोदित यंत्रों पर सब मिशन ऑन एग्रीकल्चरल मेकेनाईजेशन (SMAM) के प्रावधानों के तहत अनुदान मिलेगा।

कृषि यंत्र अनुदान योजना राजस्थान के महत्वपूर्ण लिंक

राज किसान साथी पोर्टलयहाँ क्लिक करे
अप्लाई ऑनलाइन यहाँ क्लिक करे
फॉर्म का स्टेटस चेक यहाँ क्लिक करे
अन्य योजना यहाँ क्लिक करे

RajKishan Sathi Help Line

कृषि यंत्र अनुदान योजना राजस्थान में किसी भी प्रकार की दिक्कत होने पर हेल्प लाइन पर संपर्क किया जा सकता है-

  • हेल्पडेस्क नंबर 0141-2927047 और 0141-2922613
  • ईमेल helpdesk.rajkisan@rajasthan.gov.in

Krishi Yantra Anudan Yojana Rajasthan- FAQs

कृषि यंत्र अनुदान योजना राजस्थान का उद्देश्य क्या है?

योजना का मुख्य उद्देश्य उन्नत कृषि यंत्रों का उपयोग कर समय और श्रम की बचत करना है, जिससे किसानों की उत्पादकता बढ़ाई जा सके।

कृषि यंत्र अनुदान योजना राजस्थान में कितना अनुदान मिलता है?

अनुमोदित कृषि यंत्रों पर 40% से 50% तक अनुदान दिया जाता है। यह अनुदान ₹15,000 से लेकर ₹1,00,000 तक हो सकता है, यंत्र के प्रकार और किसान की श्रेणी के अनुसार।

कौन से किसान इस योजना के लिए पात्र हैं?

योजना के लिए वे किसान पात्र हैं जिनके नाम से कृषि भूमि हो या अविभाजित परिवार की स्थिति में राजस्व रिकॉर्ड में उनका नाम हो। ट्रैक्टर चलित यंत्रों के लिए ट्रैक्टर का पंजीकरण किसान के नाम से होना चाहिए।

क्या एक किसान को कई कृषि यंत्रों पर अनुदान मिल सकता है?

नहीं, एक किसान को तीन साल की अवधि में केवल एक ही यंत्र पर अनुदान मिलेगा। एक वित्तीय वर्ष में एक किसान केवल एक यंत्र पर ही अनुदान प्राप्त कर सकता है।

आवेदन कैसे होता है?

किसान राजकिसान पोर्टल या नजदीकी ई-मित्र केंद्र पर जाकर जनाधार नंबर के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन पत्र की रसीद ऑनलाइन ही प्राप्त होगी।

आवेदन के लिए कौन से दस्तावेज़ जरूरी हैं?

आवेदन के समय आधार कार्ड/जनाधार कार्ड, जमाबंदी की नकल, जाति प्रमाण पत्र और ट्रैक्टर चलित यंत्रों के लिए ट्रैक्टर का पंजीयन प्रमाण पत्र (आर.सी.) की आवश्यकता होगी।

कृषि यंत्र खरीदने के लिए कहां से संपर्क करना होगा?

राज्य के किसी भी जिले में पंजीकृत निर्माता/विक्रेता से यंत्र खरीद सकते हैं। विक्रेताओं की सूची राजकिसान पोर्टल पर उपलब्ध है।

क्या यंत्र खरीदने से पहले स्वीकृति लेनी होगी?

हां, यंत्र खरीदने से पहले कृषि कार्यालय से प्रशासनिक स्वीकृति लेना आवश्यक है। स्वीकृति की जानकारी आपको मोबाइल संदेश या कृषि पर्यवेक्षक द्वारा मिलेगी।

अनुदान का भुगतान कैसे होगा?

यंत्र का भौतिक सत्यापन कृषि पर्यवेक्षक/सहायक कृषि अधिकारी द्वारा किया जाएगा। सत्यापन के बाद अनुदान का भुगतान सीधे किसान के बैंक खाते में ऑनलाइन किया जाएगा।

किन यंत्रों पर अधिकतम अनुदान मिलता है?

जैसे सीड ड्रिल, रोटोवेटर, मल्टी क्रॉप थ्रेशर, डिस्क प्लाऊ आदि यंत्रों पर अधिकतम 50% या ₹15,000 से ₹1,00,000 तक अनुदान मिलता है, यंत्र की क्षमता और किसान की श्रेणी के आधार पर।

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