राजीव गांधी किसान साथी योजना: राजस्थान सरकार ने किसानों और खेतीहर मजदूरों की मदद के लिए यह खास योजना बनाई है। अगर किसान या मजदूर खेत में काम करते समय दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं, तो उन्हें इस योजना के तहत ₹2,00,000 तक आर्थिक सहायता दी जाती है।
अगर किसी किसान या मजदूर की खेत में काम करते समय, ट्रैक्टर चलाते समय, या मण्डी में फसल बेचते समय कोई दुर्घटना हो जाती है और उसकी मौत हो जाती है या शरीर का कोई हिस्सा खराब हो जाता है, तो भी सरकार उन्हें राजीव गांधी किसान साथी योजना के द्वरा सहायता देती है।
राजीव गांधी किसान साथी योजना 30 अगस्त 1994 को शुरू की गई थी और 2009 और 2013-14 में इसमें कुछ बदलाव किए गए ताकि ज्यादा से ज्यादा किसानों को इसका लाभ मिल सके।
राजीव गांधी किसान साथी योजना राजस्थान | Rajiv Gandhi Kisan Sathi Yojana Rajasthan
इस योजना का लाभ किसान, खेत में काम करने वाले मजदूर और मण्डी में काम करने वाले हमाल (जो बोरी उठाते हैं) को मिलता है। अगर उनके साथ किसी भी तरह की दुर्घटना होती है, तो उन्हें सरकार की ओर से मदद दी जाती है। राजीव गांधी कृषक साथी योजना राजस्थान किसान या मजदूर की खेत में कृषि कार्य के दौरान दुर्घटना हो जाती तो राजस्थान सरकार की इस योजना प्रदान की जाती है ।
योजना का नाम | राजीव गांधी कृषक साथी योजना |
योजना कब शुरू हुई | 2009 |
उद्देश्य | कृषि कार्य के दौरान दुर्घटना होने पर सहायता |
आवेदन प्रक्रिया | संबंधित कृषि उपज मंडी समिति में |
लाभ | ₹2,00,000 तक |
सम्बंधित विभाग | राज्य कृषि विपणन बोर्ड, राजस्थान |
राजीव गांधी कृषक साथी सहायता योजना राजस्थान का लाभ किन परिस्थितियों में मिलेगा?
राजीव गांधी कृषक साथी योजना के अंतर्गत निम्नलिखित स्थितियों में सहायता दी जाती है:
- कृषि यंत्रों के उपयोग के दौरान दुर्घटना (सिंचाई कार्य सहित)।
- कुआं खोदते या ट्यूबवैल स्थापित करते समय बिजली करंट से मृत्यु या अंग-भंग।
- फसलों पर रासायनिक दवाइयों का छिड़काव करते समय दुर्घटना।
- मण्डी यार्ड या क्रय केंद्रों पर कृषि यंत्रों के उपयोग के दौरान दुर्घटना।
- मण्डी में बोरियों की घांग लगाते समय मृत्यु या अंग-भंग।
- मण्डी प्रांगण में ट्रेक्टर ट्रॉली, ऊंट लड्ढा, बैलगाड़ी आदि के उलटने से दुर्घटना।
- मण्डी में कार्यरत हमाल/पल्लेदार/मजदूर की विपणन कार्य करते समय दुर्घटना।
- मण्डी में कृषि उपज लाते या वापस जाते समय दुर्घटना।
- खेती कार्य के लिए ट्रेक्टर, बैलगाड़ी आदि से खेत जाते/आते समय दुर्घटना।
- कुट्टी काटने की मशीन या अन्य कृषि यंत्रों से बालों के मशीन में फंसने से दुर्घटना।
- खेत पर काम करते समय सांप या जहरीले जानवर के काटने से मृत्यु या अंग-भंग।
- आकाशीय बिजली गिरने से मृत्यु या अंग-भंग।
- रीढ़ की हड्डी टूटने पर (दो अंगों के नुकसान के बराबर मानते हुए) मुआवजा।
- सिर में चोट लगने से कोमा में जाने पर (दो अंगों के नुकसान के बराबर मानते हुए) मुआवजा।
- कृषि सुरक्षा, पशु चराई, पेड़ की छंगाई या कृषि की रखवाली करते समय दुर्घटना।
- किसान के खेत में बनी डिग्गी/टांके में डूबने से मृत्यु।
कृषक साथी सहायता योजना राजस्थान में मिलने वाला लाभ
स्थिति | सहायता राशि |
---|---|
दुर्घटना में मृत्यु | ₹2,00,000 |
दोनों हाथ, पैर या आँखों का नुकसान | ₹50,000 |
रीढ़ की हड्डी में चोट या सिर में चोट लगने से कोमा में जाने पर | ₹50,000 |
पुरुष/महिला के सिर से पूरे बाल हटने (De-Scalping) पर | ₹40,000 |
सिर के बालों का कुछ हिस्सा कटने पर | ₹25,000 |
एक अंग जैसे हाथ, पैर या आँख का नुकसान होने पर | ₹25,000 |
चार उंगलियों का पूरी तरह या आंशिक रूप से कटना | ₹20,000 |
तीन उंगलियों का कटना | ₹15,000 |
दो उंगलियों का कटना | ₹10,000 |
एक उंगली का कटना | ₹5,000 |
मण्डी में काम करते समय किसी हमाल/पल्लेदार को हड्डी टूटने पर | ₹10,000 |
एक अंडकोष के कटने पर | ₹25,000 |
दोनों अंडकोष के कटने पर | ₹40,000 |
राजीव गांधी कृषक साथी सहायता योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज़
राजीव गांधी किसान साथी योजना राजस्थान के तहत दुर्घटना होने पर सहायता प्राप्त करने के लिए कुछ आवश्यक दस्तावेज जमा करने होते हैं। यदि किसान की मृत्यु हो जाती है, तो कुछ विशेष दस्तावेज अनिवार्य होते हैं
एफआईआर | मृत्यु के मामले में | आवश्यक |
पोस्टमार्टम रिपोर्ट | मृत्यु के मामले में | आवश्यक |
मृत्यु प्रमाण पत्र | मृत्यु के मामले में | आवश्यक |
सरकारी/निजी चिकित्सा अधिकारी का प्रमाण पत्र | अंग क्षति/स्कैल्पिंग के मामले में | आवश्यक |
आवश्यक दस्तावेज़ (सामान्य स्थिति में)
- जनाधार कार्ड
- भामाशाह कार्ड
- आधार कार्ड
- बैंक पासबुक की प्रति
मृत्यु होने पर आवश्यक दस्तावेज़
- एफआईआर (FIR)
- पोस्टमॉर्टेम रिपोर्ट
- मृत्यु प्रमाण पत्र
घायल होने पर आवश्यक दस्तावेज़
- सरकारी या गैर-सरकारी चिकित्सा अधिकारी का प्रमाण पत्र
राजीव गांधी किसान साथी योजना में ऑफलाइन आवेदन कैसे करे
- अगर किसी किसान, खेतीहर मजदूर या मण्डी में काम करने वाले मजदूर के साथ दुर्घटना होती है, तो उन्हें घटना के छह महीने के भीतर आवेदन जमा करना होगा।
- आवेदन पत्र संबंधित मण्डी समिति के कार्यालय में जमा करना होगा।
- आवेदन के साथ, दुर्घटना की एफआईआर, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, और डॉक्टर द्वारा दिया गया प्रमाणपत्र लगाना होगा।
दुर्घटनाग्रस्त काश्तकार या खेतीहर मजदूर, या उसके वैध उत्तराधिकारी को दुर्घटना होने के छह माह के भीतर संबंधित मण्डी समिति को निर्धारित प्रपत्र में आवेदन पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य है। मण्डी समिति यह सुनिश्चित करेगी कि आवेदन में दर्शाई गई दुर्घटना वास्तव में कृषि कार्य करते हुए हुई है।
समिति को आवेदन प्राप्त होने के एक माह के भीतर सहायता राशि स्वीकृति का निर्णय लिया जाता है । यदि आवेदन पत्र छह माह की अवधि के बाद प्राप्त होता है, तो उस पर कोई विचार नहीं किया जाता है।
समिति को आवेदन प्राप्त होने के एक माह के भीतर सहायता राशि स्वीकृति का निर्णय लिया जाता है । यदि आवेदन पत्र छह माह की अवधि के बाद प्राप्त होता है, तो उस पर कोई विचार नहीं किया जाता है।
राजीव गांधी किसान साथी योजना में ऑनलाइन आवेदन कैसे करे
राजीव गांधी किसान साथी योजना में ऑनलाइन आवेदन राज किसान पोर्टल द्वरा भी किया जा सकता है , या फिर नजदीकी ई-मित्र केंद्र पर जाकर आवेदन जमा कर सकते हैं। जिस प्रकार खेत तलाई अनुदान योजना, कृषि यंत्र अनुदान योजना का आवेदन किया जाता है उसी प्रकार से इस योजना का भो आवेदन कर सकते है।
Raj Kishan Sathi Help Line
राजीव गांधी कृषक साथी योजना राजस्थान में किसी भी प्रकार की दिक्कत होने पर हेल्प लाइन पर संपर्क किया जा सकता है-
- हेल्पडेस्क नंबर 0141-2927047 और 0141-2922613
- ईमेल helpdesk.rajkisan@rajasthan.gov.in, dam.schemes@rajasthan.gov.in
किसान साथी सहायता योजना राजस्थान महत्वपूर्ण लिंक
आधिकारिक वेबसाइट | यहाँ क्लिक करें |
अप्लाई ऑनलाइन | यहाँ क्लिक करे |
फॉर्म का स्टेटस चेक | यहाँ क्लिक करे |
राजीव गांधी कृषक साथी सहायता योजना PDF | यहाँ क्लिक करे |
FAQs – Rajiv Gandhi Krishak Sathi Sahayta Yojana
राजीव गांधी कृषक साथी सहायता योजना क्या है?
राजीव गांधी कृषक साथी सहायता योजना राजस्थान सरकार द्वारा शुरू की गई एक योजना है, जो किसानों और खेतीहर मजदूरों को किसी दुर्घटना में मृत्यु या अंग-भंग होने पर आर्थिक सहायता प्रदान करती है
इस योजना के तहत कितनी आर्थिक सहायता मिलती है?
दुर्घटना की स्थिति के आधार पर, ₹5,000 से लेकर ₹2,00,000 तक की सहायता राशि प्रदान की जाती है। उदाहरण के लिए, दुर्घटना में मृत्यु होने पर ₹2,00,000 की सहायता दी जाती है, जबकि अंग-भंग की स्थिति में ₹25,000 तक मिल सकते हैं।
कौन लोग इस योजना के लिए पात्र हैं?
राजस्थान राज्य के किसान और कृषि से जुड़े मजदूर,, पल्लेदार और अन्य मजदूर जो मण्डी समिति से लाइसेंस प्राप्त हैं।
योजना का लाभ पाने के लिए आवेदन कैसे करें?
दुर्घटना के बाद, संबंधित व्यक्ति को घटना के 6 महीने के भीतर आवेदन करना होगा। आवेदन के लिए मण्डी समिति के कार्यालय में जाकर आवेदन पत्र भरना होगा, साथ ही दुर्घटना से संबंधित दस्तावेज़ जमा करने होंगे।
आवेदन के साथ किन दस्तावेजों की जरूरत होती है?
दुर्घटना की एफआईआर
पोस्टमार्टम रिपोर्ट (मृत्यु के मामले में)
डॉक्टर द्वारा जारी किया गया प्रमाणपत्र
अगर सिर से बाल हट जाएं या शरीर का कोई अंग कट जाए तो क्या सहायता मिलती है?
सिर से बाल हटने (De-Scalping) पर ₹40,000 तक की सहायता दी जाती है। अगर हाथ, पैर, आँख, या उंगलियां कटती हैं, तो स्थिति के आधार पर ₹5,000 से ₹50,000 तक की सहायता मिलती है।
योजना में किस प्रकार की दुर्घटनाओं को शामिल किया गया है?
इस योजना में खेती करते समय या मण्डी में काम करते समय होने वाली दुर्घटनाओं को शामिल किया गया है, जिससे किसी किसान या मजदूर को शारीरिक हानि हो।
अगर एक उंगली कट जाती है, तो कितनी राशि मिलती है?
अगर एक उंगली कटती है, तो ₹5,000 की सहायता राशि दी जाती है। यदि दो या अधिक उंगलियां कट जाती हैं, तो सहायता राशि अधिक हो सकती है।
मण्डी में काम करने वाले मजदूर भी इस योजना के तहत आते हैं?
हां, मण्डी में काम करने वाले लाइसेंस प्राप्त हमाल, पल्लेदार और अन्य मजदूर भी इस योजना के तहत आते हैं और उन्हें भी दुर्घटना के बाद सहायता मिलती है।
अधिक जानकारी के लिए कहां संपर्क करें?
योजना से संबंधित अधिक जानकारी और सहायता के लिए आप अपनी नजदीकी मण्डी समिति के कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं।
मै पिछले 5 सालों से ब्लॉगिंग कर रही हूँ , मैं कंप्यूटर साइंस में मास्टर्स हूँ और मेरा मकसद जटिल जानकारी को आसान भाषा में समझाना है , ताकि हर कोई उसे आसानी से समझ सके। खास तौर पर सरकारी योजनाओं, सरकारी नौकरी पर लिखती हु ,जिससे लोगों को मदद मिल सके।