नमस्कार साथियों! अगर आप अक्सर ट्रेन में सफर करते हैं, तो यह जानकारी आपके लिए बेहद जरूरी है। भारतीय रेलवे ने हाल ही में कुछ बड़े बदलाव किए हैं जो सीधे तौर पर आपकी जेब और यात्रा दोनों पर असर डाल सकते हैं। खासतौर पर वेटिंग टिकट वालों के लिए अब नियम काफी सख्त हो गए हैं। अगर आप इन नए नियमों को नजरअंदाज करते हैं, तो अगली यात्रा में आपको भारी जुर्माना भी भरना पड़ सकता है।
Table of Contents
अब वेटिंग टिकट वालों की आरक्षित कोच में एंट्री बंद
रेल मंत्रालय ने सबसे बड़ा फैसला प्रतीक्षा सूची (वेटिंग लिस्ट) वाले यात्रियों को लेकर किया है। अब कोई भी वेटिंग टिकट वाला यात्री एसी या स्लीपर कोच में यात्रा नहीं कर सकता, चाहे टिकट ऑनलाइन हो या ऑफलाइन। वेटिंग लिस्ट वाले केवल जनरल डिब्बों में ही सफर कर सकते हैं।
अगर कोई यात्री वेटिंग टिकट के बावजूद आरक्षित डिब्बे में बैठता है, तो सख्त कार्रवाई तय है। स्लीपर कोच में पकड़े जाने पर ₹250 और एसी कोच में ₹440 का जुर्माना भरना होगा। साथ ही उस कोच का पूरा किराया भी वसूला जाएगा।
टिकट बुकिंग सिस्टम में बदलाव: अब 120 दिन नहीं, सिर्फ 60 दिन पहले ही कर सकेंगे बुकिंग
रेल मंत्रालय ने अग्रिम आरक्षण अवधि को 120 दिन से घटाकर 60 दिन कर दिया है। यानी अब आप सिर्फ 60 दिन पहले ही ट्रेन का टिकट बुक कर पाएंगे। इसके साथ ही टिकट रद्द करने पर रिफंड प्रक्रिया को भी तेज कर दिया गया है।
अब टिकट कैंसिल करने पर यात्रियों को रिफंड 48 घंटे के अंदर मिल जाएगा, जबकि पहले यह प्रक्रिया 5 से 7 दिन तक लगती थी।
नया डिजिटल सहायक: अब “आस्क दिशा 2.0” से मिलेगा हर सवाल का जवाब
आईआरसीटीसी ने अपने मोबाइल ऐप पर “Ask Disha 2.0” नाम का एक AI आधारित वर्चुअल असिस्टेंट लॉन्च किया है। इससे आप टिकट बुकिंग, कैंसिलेशन, रिफंड स्टेटस और यात्रा से जुड़ी तमाम जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।
आपको बस सवाल टाइप करना है और दिशा 2.0 तुरंत जवाब देगा। यह सेवा हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में उपलब्ध है।
सामान सीमा में बदलाव: जानें कितना सामान ले जा सकते हैं
रेल मंत्रालय ने यात्रा श्रेणी के अनुसार फ्री सामान सीमा भी तय की है:
- AC First Class: 70 किलो तक
- AC 2-Tier: 50 किलो तक
- Sleeper Class: 40 किलो तक
- Second Seating (2S): 35 किलो तक
अगर कोई यात्री इस तय सीमा से ज्यादा सामान लेकर चलता है, तो उसे अतिरिक्त चार्ज देना होगा।
वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं को निचली बर्थ में प्राथमिकता
अब से रेलवे वरिष्ठ नागरिकों, 45 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं, गर्भवती महिलाओं और दिव्यांग यात्रियों को निचली बर्थ में प्राथमिकता देगा। हालांकि यह सुविधा सीट उपलब्धता पर निर्भर होगी।
अगर निचली बर्थ की सीट उपलब्ध है, तो इन विशेष श्रेणी के यात्रियों को पहले आवंटन मिलेगा।
निष्कर्ष
दोस्तों, रेलवे ने इन नए नियमों को लागू करके यात्रा को अधिक सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाने की कोशिश की है। अगर आप इन बदलावों से अनजान रहेंगे, तो अगली यात्रा में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए इन सभी नियमों को समझें और अपनी अगली ट्रेन यात्रा को आसान और तनावमुक्त बनाएं।