नए PM-Kisan लाभार्थियों के लिए किसान आईडी अनिवार्य

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केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-Kisan) योजना के तहत नए लाभार्थियों के लिए किसान आईडी (Kisan Pehchan Patra) को अनिवार्य कर दिया है। यह कदम कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा मार्च 2025 तक 6 करोड़ किसान आईडी बनाने के लक्ष्य के तहत उठाया गया है।

किसान आईडी: क्या है यह और क्यों जरूरी है?

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-Kisan) योजना के तहत नए लाभार्थियों के लिए किसान आईडी (किसान पहचान पत्र) को अनिवार्य कर दिया गया है। यह निर्णय केंद्र सरकार द्वारा डिजिटल कृषि को बढ़ावा देने और पंजीकरण प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी व सुगम बनाने के उद्देश्य से लिया गया है।

किसान आईडी एक अद्वितीय डिजिटल पहचान है, जो किसान के भूमि स्वामित्व और फसल उत्पादन जैसे विवरणों को प्रमाणित करती है। इस कदम से योजना के सही लाभार्थियों तक सहायता पहुंचाने में मदद मिलेगी और कृषि क्षेत्र में डिजिटलाइजेशन को गति मिलेगी।

किसान आईडी एक अद्वितीय डिजिटल पहचान पत्र है जो:

  • किसान के भूमि स्वामित्व की पुष्टि करता है।
  • राज्य की भूमि रिकॉर्ड प्रणाली से जुड़ा होता है।
  • जनसांख्यिकीय जानकारी, उगाई गई फसलें, और भूमि स्वामित्व का डेटा समाहित करता है।

इसका उद्देश्य PM-Kisan पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाना और डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन को बढ़ावा देना है।

नए नियम के तहत प्रक्रिया

  • 1 जनवरी 2025 से लागू: यह नियम फिलहाल 10 राज्यों (आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश) में लागू हुआ है।
  • किसान रजिस्ट्री में पंजीकरण: नए आवेदकों को किसान रजिस्ट्री में पंजीकरण कराकर किसान आईडी प्राप्त करनी होगी।
  • अन्य राज्यों में जल्द लागू होगा: अन्य राज्यों में इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।

PM-Kisan योजना: लाभ और हालिया अपडेट

  • लाभ: पात्र किसान परिवारों को सालाना ₹6,000 की सहायता राशि दी जाती है, जो तीन समान किस्तों में सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर होती है।
  • अद्यतन: 5 अक्टूबर 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18वीं किस्त जारी की, जिसमें 9.4 करोड़ किसानों को लाभ मिला।
  • सिफारिश: संसदीय समिति ने वार्षिक सहायता राशि को ₹6,000 से बढ़ाकर ₹12,000 करने की सिफारिश की है।

किसान आईडी के लाभ

  1. पारदर्शिता: भूमि स्वामित्व की पुष्टि और सही लाभार्थियों की पहचान।
  2. डिजिटल रिकॉर्ड: किसानों का विस्तृत डेटा रजिस्ट्री में संग्रहीत।
  3. योजनाओं का लाभ: अन्य कृषि योजनाओं के लिए आसान पंजीकरण।

अब तक की प्रगति

7 जनवरी 2025 तक 1 करोड़ किसान आईडी बनाई जा चुकी हैं। मार्च 2025 तक 6 करोड़ किसान आईडी बनाने का लक्ष्य है।

यह कदम कृषि क्षेत्र में डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा देगा और किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में मदद करेगा। नए लाभार्थी जल्द से जल्द किसान आईडी प्राप्त करें और योजना का लाभ उठाएं।

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